H-1B visa: अमेरिका में H-1B वीजा धारकों को बड़ी राहत: भारत लौटने की जरूरत नहीं....
punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2025 - 05:10 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अमेरिका ने H-1B वीजा धारकों के लिए एक नई नवीनीकरण योजना शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत अब वीजा धारकों को दस्तावेज़ों के नवीनीकरण के लिए अपने देश लौटने की आवश्यकता नहीं होगी। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने यह जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम को 2025 में औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा, जिससे उन भारतीय पेशेवरों को विशेष लाभ मिलेगा, जिन्हें अब तक वीजा नवीनीकरण के लिए भारत आना पड़ता था।
पायलट प्रोग्राम की सफलता के बाद लागू होगी योजना
दूतावास के बयान के अनुसार, अमेरिका में H-1B वीजा धारकों के नवीनीकरण का यह कार्यक्रम पायलट प्रोग्राम की सफलता के बाद शुरू किया जा रहा है। "इस पायलट प्रोग्राम ने हजारों पेशेवरों को बिना देश छोड़े वीजा नवीनीकरण की सुविधा दी। अब यह प्रक्रिया 2025 में औपचारिक रूप से लागू की जाएगी," दूतावास ने अपने वर्षांत बयान में कहा।
भारतीय वीजा धारकों के लिए बड़ी राहत
H-1B वीजा धारकों के लिए वीजा नवीनीकरण के लिए भारत लौटने की आवश्यकता एक बड़ी समस्या रही है। वीजा स्टैम्पिंग के लिए निश्चित अपॉइंटमेंट स्लॉट्स की कमी अक्सर परेशानी का कारण बनती है।
अमेरिका में H-1B वीजा पर बहस
यह नई योजना ऐसे समय में आई है जब अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर बहस तेज हो गई है। H-1B वीजा को लेकर यह तर्क दिया जा रहा है कि भारतीय पेशेवर अमेरिकी श्रमिकों की जगह ले रहे हैं। हालांकि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क जैसे कई प्रमुख हस्तियों ने इस प्रोग्राम का समर्थन किया है। उनका मानना है कि अमेरिका में कुशल इंजीनियरों और विशेषज्ञों की कमी को पूरा करने के लिए यह वीजा कार्यक्रम आवश्यक है।
भारतीय पेशेवरों का दबदबा
भारतीय नागरिक H-1B वीजा प्राप्त करने वालों में सबसे बड़ी संख्या में शामिल हैं। 2022 में जारी कुल 3,20,000 वीजा में से 77% भारतीयों को मिले, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 72.3% रहा।
भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या
H-1B वीजा के अलावा, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। 2024 में भारत ने सभी देशों को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बन गया। इस साल 3,31,000 से अधिक भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए। यह उपलब्धि पहली बार 2008-09 के शैक्षणिक सत्र के बाद हासिल हुई है। यह नई योजना भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए अमेरिका में अवसरों को और अधिक सुलभ बनाएगी।