क्या 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा जीएसटी? सरकार ने साफ किया रुख
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 04:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह खबर तेजी से फैलने लगी कि UPI ट्रांजेक्शन, खासतौर पर 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर सरकार GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने की योजना बना रही है। इससे आम लोगों से लेकर छोटे व्यापारियों तक में चिंता की लहर दौड़ गई। लेकिन अब इस मुद्दे पर सरकार ने खुद ही स्थिति साफ कर दी है। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 22 जुलाई को साफ किया कि UPI ट्रांजेक्शन पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि GST की दरें और छूट GST काउंसिल के निर्णय पर आधारित होती हैं, जिसमें केंद्र और राज्य – दोनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि डिजिटल पेमेंट को हतोत्साहित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
कर्नाटक में क्यों जारी हुए 6000 GST नोटिस?
दरअसल, UPI ट्रांजेक्शन पर जीएसटी का मुद्दा उस वक्त सामने आया, जब कर्नाटक में करीब 6000 व्यापारियों को UPI लेनदेन के आधार पर GST नोटिस भेजे गए। इन नोटिसों के बाद व्यापारी वर्ग में नाराज़गी और भ्रम का माहौल बन गया। व्यापारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे नोटिस वापस नहीं लिए गए, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
क्या कहता है कानून?
कर्नाटक के कॉमर्शियल टैक्स विभाग की ज्वाइंट कमिश्नर मीरा सुरेश पंडित ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि यदि किसी व्यापारी का सेवा क्षेत्र में सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक हो जाता है या वस्तु व्यापार में 40 लाख रुपये से ज़्यादा टर्नओवर होता है तो उसे GST कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि UPI ट्रांजेक्शन डेटा का इस्तेमाल केवल संदिग्ध टर्नओवर की जांच के लिए किया गया है, यह कोई नया टैक्स नहीं है।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
भारत में UPI पेमेंट सिस्टम ने डिजिटल लेन-देन को जितना सरल और तेज़ बनाया है, उतना शायद ही किसी और देश में हुआ हो। हर दिन लाखों लोग इसका उपयोग करते हैं। ऐसे में, GST जैसे टैक्स की अफवाहें इस प्रगति में बाधा बन सकती हैं।इसलिए सरकार का यह स्पष्ट बयान ज़रूरी था कि कोई नया टैक्स नहीं लगाया जा रहा है और न ही छोटे व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।