इस राज्य में 25 जुलाई को बंद का ऐलान: GST नोटिस के बाद छोटे व्यापारी बोले - ''UPI नहीं, अब केवल नकद''
punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 12:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के छोटे व्यापारी अब डिजिटल भुगतान (UPI) का विरोध करते हुए वापस नकद भुगतान पर लौट रहे हैं। वाणिज्यिक कर विभाग (Commercial Tax Department) से GST नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों ने कर्नाटक में 25 जुलाई को बंद का ऐलान किया है। इस बंद में बड़ी संख्या में छोटे और बड़े व्यापारी UPI लेन-देन का विरोध करते हुए शामिल होंगे।
व्यापारियों में दहशत: क्यों आ रहे हैं GST नोटिस?
व्यापारियों का कहना है कि उन्हें वाणिज्यिक कर विभाग से GST नोटिस मिल रहे हैं। इन नोटिसों में कहा गया है कि उनके UPI लेन-देन के आधार पर उन्होंने टर्नओवर की तय सीमा को पार कर लिया है। इससे व्यापारियों में, खासकर छोटे व्यापारियों में बहुत घबराहट फैल गई है। कोरोना महामारी के बाद, ग्राहकों की मांग पूरी करने और डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठाने के लिए कई छोटे व्यापारियों ने UPI का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।
अब उन्हें लग रहा है कि यही उनके लिए मुश्किल बन गया है। बेंगलुरु के एक फूल विक्रेता राकेश ने हाल ही में अपनी दुकान पर एक बोर्ड लगाया है, जिस पर लिखा है: "UPI नहीं, केवल नकद"। उन्होंने बताया, "मेरे कुछ नियमित ग्राहक नाराज़ हैं और मेरी बिक्री भी घट गई है, लेकिन GST नोटिस मिलने के बाद मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था। मेरे जैसे कई व्यापारी हैरान हैं।"
ऑटो-ड्राइवरों पर भी असर
ऑटो-ड्राइवरों को भी इन नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। एक ऑटो रिक्शा चालक ने बताया कि उन्हें ₹4.5 लाख का GST बकाया नोटिस मिला था। उन्होंने कहा, "अब हम में से कई ग्राहक से नकद मांग रहे हैं ताकि और समस्याओं से बचा जा सके।"
आम लोगों को हो रही परेशानी
व्यापारियों के इस फैसले से आम लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। एक कॉलेज छात्रा ने बताया कि उनके इलाके के कम से कम तीन छोटे विक्रेताओं ने UPI लेना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा, "अब ऑटो ड्राइवर भी नकद पसंद करते हैं। यह लगातार बदलाव और परेशानी का कारण बन रहा है।" ये नोटिस उन व्यापारियों को भेजे गए हैं जिन्होंने डिजिटल माध्यम से ₹40 लाख से ज़्यादा की कमाई की है। इन नोटिसों ने व्यापारियों को घबराहट में डाल दिया है, और उन्होंने डिजिटल भुगतान की बजाय अब केवल नकद भुगतान पर जोर देना शुरू कर दिया है।
GST विभाग का स्पष्टीकरण
हालांकि, वाणिज्यिक कर विभाग ने 11 जुलाई को एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें हालिया नोटिसों पर उठे सवालों का जवाब दिया गया है। विभाग ने साफ किया है कि ये नोटिस उन व्यवसायों को भेजे गए हैं जिनके डिजिटल लेन-देन की मात्रा निर्धारित टर्नओवर की सीमा को पार करती है।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि GST केवल आपूर्ति के मूल्य पर लागू होता है, न कि भुगतान के तरीके पर। इसके साथ ही विभाग ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यापारी का कुल कारोबार ₹1.5 करोड़ से कम है, तो वे एक समर्पण योजना के तहत 1 प्रतिशत की दर से GST का भुगतान कर सकते हैं, बशर्ते वे GST में पंजीकरण कराएं।