UPI ने डिजिटल भुगतान में भारत की प्रमुख भूमिका को और मजबूत किया
punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2025 - 06:17 PM (IST)
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नेशनल डेस्क : भारत का डिजिटल भुगतान परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, UPI अब भारत के 84 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन के लिए जिम्मेदार है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 से 2024 तक UPI लेन-देन 4.4 गुना बढ़कर 172 बिलियन लेन-देन तक पहुँच गया है। UPI अब कार्ड-आधारित और वॉलेट लेन-देन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बन गया है। इस प्लेटफॉर्म पर 30 मिलियन से अधिक व्यापारी जुड़े हुए हैं, और व्यापारी अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है। व्यापारी से उपभोक्ता (पी2एम) लेन-देन में साल दर साल 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है, जो UPI के खुदरा भुगतान प्रणाली के विस्तार को दर्शाता है।
UPI को एक साधारण रियल-टाइम निधि हस्तांतरण प्रणाली से विकसित होते हुए अब भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। यह वित्तीय समावेशन बढ़ाने, व्यापारी को अपनाने और सीमा पार लेन-देन को सशक्त बनाने में मदद कर रहा है। डिजिटल फिफ्थ के संस्थापक समीर सिंह जैनी ने कहा कि UPI हर महीने 16 बिलियन लेन-देन संभालता है और यह संख्या 2030 तक तीन गुना बढ़ने की संभावना है। इसके लिए मजबूत और लचीले इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि UPI क्रेडिट और एम्बेडेड फाइनेंस जैसे नवाचारों के जरिए MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और उपभोक्ताओं के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बना रहा है। UPI लाइट और ऑफलाइन-आधारित भुगतान वित्तीय समावेशन को और बढ़ा रहे हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इसके अलावा, सीमा पार UPI लेन-देन अब सिंगापुर, फ्रांस और श्रीलंका जैसे देशों में भी हो रहे हैं, जिससे UPI का वैश्विक प्रभाव बढ़ रहा है।