विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया- भारत-पाक सीजफायर में अमेरिका की भूमिका नहीं
punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 01:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्था के दावे को खारिज किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि युद्धविराम (सीजफायर) भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के बाद ही हुआ था, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।
पहलगाम हमला और पाकिस्तान के सेना प्रमुख पर आरोप
जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले का मकसद धार्मिक भ्रम पैदा करना था। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को एक धार्मिक कट्टर शख्स बताया, जिन्होंने अपने कई बयानों से इसे जाहिर भी किया है। जयशंकर ने बताया कि पहलगाम में हुए हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने पीड़ितों को हिंदू धर्म के आधार पर निशाना बनाया था।
ट्रंप के मध्यस्थता के दावे और भारत का रुख
दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने व्यापारिक वार्ताओं के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि "हमने पाकिस्तान और भारत के साथ जो अभी किया है, हमने उस पूरे मामले को सुलझा लिया। मुझे लगता है कि मैंने इसे बिजनेस के जरिए से सुलझा लिया है।" उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक बड़ा सौदा कर रहा है और पाकिस्तान के साथ भी एक बड़ा सौदा कर रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि "किसी को आखिरी में गोली चलानी थी, लेकिन गोलीबारी बद से बदतर होती जा रही थी... हमने उनसे बात की और... हमने इसे सुलझा लिया।" उन्होंने पाकिस्तान के लोगों और नेताओं की तारीफ भी की और भारत को अपना दोस्त बताया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि युद्धविराम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के बाद ही हुआ, और उस समय अमेरिका सहित कई देश भारत के संपर्क में थे। भारत ने हमेशा से ही पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से हल करने पर जोर दिया है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है।