तुर्की के व्यापारी ट्रे़ड को लेकर भारतीयों से लगा रहे गुहार, लगातार संपर्क करने की कर रहे हैं कोशिश
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 07:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और तुर्की के बीच बढ़ते तनाव के बीच, तुर्की के व्यापारी अब भारत के कारोबारियों से व्यापारिक रिश्ते बनाए रखने की गुहार लगा रहे हैं। पाकिस्तान के समर्थन के बाद भारत में तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है, खासकर राजस्थान के मार्बल व्यापारियों द्वारा तुर्की से आयात बंद करने के फैसले के बाद। अब तुर्की के कारोबारी भारत के व्यापारियों से लगातार संपर्क कर रहे हैं, ताकि इस तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद व्यापारिक संबंधों को जारी रखा जा सके।
मार्बल व्यापारियों का ऐलान: 'अब तुर्की का सामान नहीं आएगा भारत'
जयपुर और किशनगढ़, जो कि देश के सबसे बड़े मार्बल हब माने जाते हैं, वहां हर साल करोड़ों का तुर्की मार्बल आता है। लेकिन अब व्यापारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि तुर्की से कोई भी उत्पाद नहीं मंगाया जाएगा। व्यापारी संगठनों का कहना है कि जो देश भारत के दुश्मनों का समर्थन करेगा, उससे कोई रिश्ता नहीं रखा जाएगा, चाहे नुकसान कुछ भी हो।
तुर्की के व्यापारियों में मची हलचल, भारत से संपर्क की कोशिशें
तुर्की के व्यापारियों को जब भारत के इस कदम का पता चला, तो वे घबरा गए। भारत एक बड़ा बाज़ार है और तुर्की का व्यापार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। अब तुर्की के कारोबारी भारत के व्यापारियों को लगातार कॉल, ईमेल और मैसेज कर रहे हैं। वे गुजारिश कर रहे हैं कि तुर्की सरकार की गलती की सज़ा उन्हें न दी जाए और भारत से व्यापार बंद न किया जाए। मगर भारत के कारोबारी इस बार पूरी तरह से एकजुट हैं।
राष्ट्रहित पहले, व्यापार बाद में- व्यापारियों का सख्त संदेश
जयपुर के विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया के मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सोमानी ने कहा है, 'तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है। अब हमारे इंडस्ट्रियल एरिया में कोई व्यापारी तुर्की से मार्बल नहीं मंगाएगा। राष्ट्रहित हमारे लिए सबसे ऊपर है।' व्यापारियों ने यह भी कहा कि यदि तुर्की ने अपनी नीति नहीं बदली, तो यह बहिष्कार पूरे भारत में फैल जाएगा और इसका असर लंबे समय तक तुर्की को झेलना पड़ेगा।
देशभर में बढ़ सकता है बहिष्कार का असर
जयपुर और किशनगढ़ की शुरुआत अब पूरे देश में फैलने लगी है। कई अन्य राज्यों के मार्बल और ग्रेनाइट व्यापारियों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। व्यापारियों का कहना है कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है और जो देश भारत के खिलाफ खड़ा होगा, उससे किसी भी तरह का व्यापार नहीं किया जाएगा। यह पहली बार है जब किसी देश के राजनीतिक फैसले के खिलाफ उसके अपने ही कारोबारी भारत से अपील कर रहे हैं।
भारत-तुर्की व्यापार पर पड़ सकता है बड़ा असर
भारत और तुर्की के बीच हर साल अरबों का व्यापार होता है। इसमें प्रमुख रूप से मार्बल, ग्रेनाइट, मशीनरी, कपड़े और अन्य निर्माण सामग्री शामिल होती है। लेकिन तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के बाद अब यह व्यापार खतरे में पड़ गया है। भारतीय कंपनियां अब तुर्की के विकल्प तलाश रही हैं, जैसे इटली, वियतनाम और स्पेन से मार्बल और ग्रेनाइट आयात करना।