तुर्की के ड्रोन पर भरोसा करना पाकिस्तान को पड़ा भारी, भारत ने दिखाई ताकत

punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 02:09 PM (IST)

नई दिल्ली (राहुल सिंह): भारत से टकराने के लिए पाकिस्तान ने तुर्की के बनाए ड्रोन का सहारा लिया, लेकिन यह फैसला उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुआ। तुर्की की ड्रोन निर्माता कंपनी Baykar ने पाकिस्तान को ऐसे ड्रोन दिए जो यूक्रेन-रूस युद्ध में पहले ही असफल हो चुके थे। अब जब पाकिस्तान ने इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया, तो भारत की मजबूत एयर डिफेंस प्रणाली ने इन्हें हवा में ही उड़ा दिया।

ड्रोन भेजकर भारत को डराने की नाकाम कोशिश
हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के कई इलाकों में एक साथ ड्रोन भेजे, जो तुर्की से मिले थे। लेकिन भारतीय सेना ने इन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी ड्रोन को मार गिराया। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान की योजना को पूरी तरह नाकाम कर दिया।

PunjabKesariतुर्की की कंपनी का घमंड और पाकिस्तान का धोखा
तुर्की की कंपनी Baykar, जो कि TB-2 Bayraktar ड्रोन बनाती है, ने 2022 में खुलेआम ऐलान किया था कि वह भारत को यह ड्रोन कभी नहीं बेचेगी। इसके उलट उसने पाकिस्तान को ये ड्रोन बेच दिए। लेकिन यही ड्रोन पहले यूक्रेन-रूस युद्ध में भी नाकाम साबित हो चुके हैं। रूस ने जब अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत किया, तो ये ड्रोन टारगेट तक पहुँचने से पहले ही मार गिराए गए। यूक्रेन ने भी बाद में इन तुर्की ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ निगरानी और सेना की मूवमेंट प्लानिंग के लिए करना शुरू कर दिया। भारत ने इस से सबक सीखा, लेकिन पाकिस्तान तुर्की के झांसे में आ गया।

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भारत की तकनीक ने दी मात

जब पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन भारत की ओर भेजे, तो भारतीय वायुसेना और थलसेना ने मेड-इन-इंडिया ड्रोन और इजरायली ‘हरोप’ (Suicide Drone) का इस्तेमाल करके इन्हें खत्म कर दिया। ‘हरोप’ ऐसे ड्रोन होते हैं जो दुश्मन के ठिकाने की पहचान करने के बाद खुद को विस्फोट कर उड़ाते हैं।

7 से 10 मई के बीच चले संघर्ष में भारत के इन ‘कमांडो ड्रोन’ ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। वहीं पाकिस्तान और तुर्की को समझ में आ गया कि भारत की तकनीकी तैयारी और जवाबी क्षमता कितनी मजबूत है।

PunjabKesariतुर्की का छुपा एजेंडा और पाकिस्तान की बेवकूफी
राष्ट्रपति एर्दोगन का सपना है कि वह मुस्लिम देशों का नेता बने, इसलिए वह पाकिस्तान जैसे देशों को समर्थन दिखाते हैं। लेकिन यह सिर्फ राजनीतिक दांव-पेच है। तुर्की ने पाकिस्तान को जो ड्रोन दिए, वो यूक्रेन को दिए गए असली वर्जन से कमजोर थे। यानी पाकिस्तान को एक तरह से "सस्ते और पुराने" ड्रोन थमा दिए गए। अब जब ये ड्रोन भारत के खिलाफ फेल हो गए, तो तुर्की ने खुद को बचाने के लिए एक जूनियर अफसर के ज़रिए बयान दिलवाया, जिससे उसकी हताशा साफ दिखती है।


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News Editor

Rahul Singh

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