अचल सम्पति हथियाने के लिए चीन का नया कारनामा, रेत के समंदरों में लगा दिए सोलर कारखाने ! (Video)
punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 11:34 AM (IST)

Bejing: दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन अब अपनी बंजर रेत को बदलने में जुटा है। चीन ने अपने विशाल रेगिस्तानी इलाकों को समतल कर के वहां सोलर पैनल्स लगाने की योजना पर ज़ोर-शोर से काम शुरू कर दिया है।इ सका मकसद साफ़ है तेल और कोयले पर निर्भरता कम करना और साफ-सुथरी ऊर्जा से अपने शहरों को रोशन रखना। चीन के पास गोबी और तकला मकान जैसे रेगिस्तान हैं जो हज़ारों किलोमीटर तक फैले हुए हैं। इन बंजर इलाकों में न खेती होती है, न इंसानी बस्ती। ऐसे में चीन इन्हें ‘सोलर एनर्जी हब’ में बदल रहा है। लेकिन कहानी में एक नया मोड़ भी है। ये पैनल रेगिस्तान को भी ठीक कर रहे हैं।कड़ी धूप को रोककर और नमी को रोककर, ये पैनल उन जगहों पर घास उगाने में मदद कर रहे हैं जहाँ पहले धूल ही धूल थी। तो अब चीन को ऊर्जा और ज़मीन मिल रही है जिसका इस्तेमाल वे आगे चलकर खेती या पूरे शहर बनाने के लिए कर सकते हैं। पता चला है कि धरती को बचाने के साथ-साथ इससे चीन को अतिरिक्त अचल संपत्ति भी मिल सकती है।
🇨🇳 CHINA IS TURNING ITS DESERTS INTO GIANT SOLAR FACTORIES
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) July 22, 2025
China is flattening massive chunks of desert to make room for solar panels. We’re talking enough to power entire cities.
Why? Because they want clean energy and fewer oil and coal headaches.
But here's the plot twist:… https://t.co/WjsZD2RsmO pic.twitter.com/3YOaRQyccR
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ऐसे कई बड़े सोलर पार्क तैयार कर रहा है, जो अकेले में ही कई छोटे देशों की बिजली जरूरत को पूरा कर सकते हैं। कुछ प्रोजेक्ट्स तो इतने बड़े हैं कि अकेले एक प्लांट से ही पूरे शहर को 24x7 बिजली दी जा सकती है। असल में चीन दुनियाभर में सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश भी है। उसकी फैक्ट्रियां और बिजली घर भारी मात्रा में कोयला और तेल जलाते हैं। इससे प्रदूषण बढ़ता है और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा होता है। अब चीन ने ‘ग्रीन एनर्जी’ पर दांव लगाया है। सरकार का टारगेट है कि आने वाले सालों में वह अपनी आधी से ज्यादा बिजली सौर, पवन और हाइड्रो पावर से बनाए।
रेगिस्तान में न घनी आबादी होती है, न कोई बड़ा ढांचा होता है। वहां सूरज भी खूब चमकता है,यानी सोलर एनर्जी के लिए जगह और रोशनी दोनों भरपूर मिलती है। इसीलिए चीन ने विशाल सोलर फार्म बनाने के लिए रेत के टीलों को समतल करना शुरू कर दिया है। इससे न सिर्फ बिजली बनेगी बल्कि रेगिस्तानी इलाकों में ग्रीन बेल्ट भी उगाए जा रहे हैं, ताकि मिट्टी का कटाव रोका जा सके। माना जा रहा है कि इतनी बड़ी सोलर परियोजनाओं के लिए भारी निवेश, पानी की जरूरत और स्थानीय इकोसिस्टम पर असर जैसे कई सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रेगिस्तान में इतनी बड़ी परियोजनाओं से वहां के प्राकृतिक जीवन चक्र को नुकसान हो सकता है। इसके बावजूद चीन का कहना है कि उसके पास तकनीक और मैनपावर दोनों हैं और वह अपने लक्ष्य को हर हाल में पूरा करेगा।