ऑपरेशन सिंदूर के बाद एलओसी पर तनाव, छतों पर बनाए जा रहे ये लाल निशान; जानिए क्या है वजह

punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 01:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद से भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है। इस बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सीमावर्ती जिलों के अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस के चिह्न अंकित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। क्यों बनाया जा रहा है ये चिन्ह, आखिर क्या है इसका मतलब, आइए जानिए...

रेड क्रॉस के पीछे की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था
यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत उठाया गया है ताकि संघर्ष की स्थिति में अस्पतालों को निशाना बनने से बचाया जा सके। रेड क्रॉस का चिन्ह जिनेवा कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त एक अंतर्राष्ट्रीय चिह्न है, जो यह संकेत देता है कि संबंधित इमारत एक स्वास्थ्य सेवा संस्थान है। इस कन्वेंशन का उद्देश्य युद्ध या सशस्त्र संघर्ष के दौरान आम नागरिकों, घायलों, और चिकित्सा सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। रेड क्रॉस के इस प्रतीक को युद्ध की स्थिति में हमला न करने का संकेत माना जाता है।

सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा उपाय
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग सहित अन्य सीमावर्ती जिलों में यह प्रतीक चिन्ह बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि इससे इन संस्थानों को किसी संभावित हवाई हमले या बमबारी से संरक्षित किया जा सकेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: हमले के पीछे की पृष्ठभूमि
भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में स्थित कम से कम नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई बताई जा रही है, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि पाकिस्तान ने इस हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है और अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग की है। वहीं भारत सरकार का दावा है कि उसके पास हमले की योजना पाकिस्तान से बनाए जाने के पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं।


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Content Editor

Harman Kaur

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