ऑपरेशन सिंदूर: फ्लाइट पकड़ने वाले ध्यान दें, उत्तरी भारत के कई एयरपोर्ट बंद; एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 05:37 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर किए गए बड़े मिसाइल हमलों के बाद देश के कई हवाई अड्डों पर सुरक्षा कारणों से उड़ानों में भारी व्यवधान देखा जा रहा है।
सबसे बड़ा असर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर एयरपोर्ट पर पड़ा है, जिसे अगले आदेश तक आम लोगों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इस फैसले से सैकड़ों यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
एयर इंडिया ने कैंसिल की फ्लाइट्स
एयर इंडिया ने भी जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स आज दोपहर 12 बजे तक कैंसिल कर दी हैं। अमृतसर पहुंचने वाली दो इंटरनेशनल फ्लाइट को दिल्ली की तरफ डायवर्ट किया गया है।
स्पाइसजेट एयरलाइन का बड़ा फैसला
पाकिस्तान में आतंकवाद पर भारत के प्रहार के बाद स्पाइसजेट एयरलाइन ने बड़ा फैसला लिया है। एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए धर्मशाला, लेह, जम्मू, श्रीनगर और अमृतसर सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में एयरपोर्ट अगले आदेश तक बंद हैं. उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि इसको देखते हुए ही यात्रा की योजना बनाएं और फ्लाइट की स्थिति की जांच लें।
फ्लाइट्स को लेकर इंडिगो एयरलाइन का बयान
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडिगो एयरलाइन ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा है कि हवाई क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों के कारण, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़ और धर्मशाला से आने-जाने वाली हमारी उड़ानें प्रभावित हुई हैं। बीकानेर से आने-जाने वाली उड़ानें भी मौजूदा हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों से प्रभावित हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले वेबसाइट पर अपनी फ्लाइट के बारे में जानकारी जरूर करें।
बता दें भारत ने मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर में आतंकी ठिकानों पर बड़ा मिसाइल हमला किया है। इन हमलों में आतंकवादियों के बड़ी संख्या में माने जाने की खबर है। हालांकि कितने आतंकी ढेर हुए हैं। इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। आतंवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले हुए थे, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, तब इसकी जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।