सैलरीड क्लास के लिए Good News! 1 अप्रैल से इनकम टैक्स में होंगे अहम बदलाव
punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 04:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क। नया वित्त वर्ष शुरू होने में बस 48 घंटे रह गए हैं और इसके साथ ही इनकम टैक्स के कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 में कई अहम घोषणाएं की थीं, जो 1 अप्रैल से लागू हो रही हैं। इन बदलावों का सीधा असर वेतन पाने वाले लोगों की जेब पर पड़ेगा।
1 अप्रैल से इनकम टैक्स में बड़े बदलाव
वित्त मंत्री द्वारा बजट में घोषणा की गई थी कि नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट को बढ़ाया जाएगा। 1 अप्रैल से यह नया नियम लागू होगा जिसके तहत अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोग टैक्स छूट के दायरे में आएंगे। पहले यह छूट केवल 7 लाख रुपये तक की आय पर थी।
अगर इसमें 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट जोड़ दी जाए तो इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़कर 12.75 लाख रुपये तक हो जाएगी। हालांकि यह छूट केवल आम आय पर लागू होगी और कैपिटल गेन पर अलग से टैक्स लिया जाएगा।
नई टैक्स स्लैब्स का ऐलान
नई टैक्स रिजीम में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब 4 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। आय बढ़ने के साथ टैक्स की दर भी बढ़ती जाएगी और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जाएगा।
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बढ़ी टैक्स छूट
वित्त मंत्री ने बजट में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है। इसका मतलब यह है कि नई टैक्स रिजीम में अब 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा।
टीडीएस पर बदलाव
बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा भी बढ़ाई गई है। अब बैंक जमा पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा जबकि पहले यह सीमा 40,000 रुपये थी।
नियोक्ता द्वारा दिए गए लाभ और भत्ते
1 अप्रैल से नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभ और भत्ते अब कर योग्य नहीं माने जाएंगे। इसके अलावा अगर किसी नियोक्ता ने अपने कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य के लिए विदेश में इलाज की लागत उठाई तो इसे कर योग्य लाभ नहीं माना जाएगा।
आयकर रिटर्न को अपडेट करने के लिए अतिरिक्त समय
अब करदाता को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) को अपडेट करने के लिए दो साल की बजाय चार साल का समय मिलेगा। इससे करदाताओं को अपनी कर फाइलिंग में किसी भी गलती को सुधारने का अधिक समय मिलेगा।
माता-पिता के लिए नया टैक्स-बचत विकल्प
माता-पिता के लिए भी एक नया टैक्स-बचत विकल्प पेश किया गया है। अगर वे अपने बच्चे के एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) वात्सल्य खाते में योगदान करते हैं तो पुरानी कर व्यवस्था के तहत वे 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
वहीं कहा जा सकता है कि 1 अप्रैल से इन नए नियमों के लागू होने से सैलरीड क्लास को टैक्स में राहत मिलेगी। इनकम टैक्स में बढ़ी छूट और टीडीएस के नए नियमों से लोगों को कई फायदे होंगे। यह बदलाव एक अप्रैल से प्रभावी होंगे और इससे वेतनभोगी कर्मचारियों को अपनी कर योजनाओं में सुधार करने का मौका मिलेगा।