भारत नहीं इस देश में है भगवान विष्णु की सबसे ऊंची मूर्ति, बनाने में लग गए थे 24 साल
punjabkesari.in Tuesday, Jun 15, 2021 - 02:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में भगवान श्री विष्णु के अनेक रूपों की पूजा होती है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। भारत में भगवान श्री विष्णु के उपासकों को वैष्णव कहा जाता है और यह लोग सात्विक जीवन जीते हैं। भारत में श्री विष्णु के अनेक मंदिर हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री हरि की सबसे ऊंची मूर्ति कहां पर है। अब आपके दिमाग में भारत के सभी मंदिरों की छवि घूम रही होगी कि देश के किस हिस्से में श्री विष्णु जी की मूर्ति है। तो यहां आपको बता दें कि अपने दिमाग पर ज्यादा जोर न डालें क्योंकि भगवान श्री विष्णु की सबसे ऊंची मूर्ति भारत में नहीं बल्कि किसी और देश में है। आपको जानकार और भी हैरानी होगी कि जिस देश में भगवान विष्णु की सबसे ऊंची मूर्ति है वो एक मुस्लिम बाहुल देश है।
इस देश में है भगवान विष्णु की सबसे ऊंची मूर्ति
हम जिस देश की बात कर रहे हैं, उसका नाम है इंडोनेशिया। जी हां इंडोनेशिया में ही भगवान श्री विष्णु की वाहन गरूड़ के ऊपर बैठे हुए की सबसे बड़ी मूर्ति बनाई गई है। इंडोनेशिया में भले ही सबसे ज्यादा मुस्लिमों रहते हों और मुस्लिमों की आबादी के मामले में यह नंबर वन है लेकिन यहां के कण-कण में हिंदुत्व नजर आता है। इतना ही नहीं इस देश की एयरलाइन का नाम भी गरुणा एयरलाइन है, यहां बता दें कि गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन है। इंडोनेशिया में बाली द्वीप पर भगवान विष्णु की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है जिसे दूर-दूर से लोग देखने आते हैं।
मूर्ति बनाने में लग गए 24 साल
इस मूर्ति को बनाने की शुरुआत साल 1994 में हुई थी लेकिन बजट की कमी के कारण साल 2007 से 2013 तक इसे बनाने का कार्य रोक दिया गया था। इसके बाद फिर से इस मूर्ति को बनाने का काम शुरू हुआ और यह साल 2018 में जाकर तब खत्म हुआ जब मूर्ति पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई, यानि 24 साल में यह मूर्ति बनी। इस मूर्ति को बनाने में अरबों रुपए लग गए। यह मूर्ति स्टैच्यू ऑफ गरुणा के नाम से प्रसिद्ध है।
इस मूर्ति को बनाने के लिए तांबे और पीतल का इस्तेमाल किया गया है। भगवान विष्णु की यह मूर्ति करीब 122 फुट ऊंची और 64 फुट चौड़ी है। इस मूर्ति को बनाने वाले मूर्तिकार बप्पा न्यूमन नुआर्ता को भारत में सम्मानित भी किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। दुनियाभर में इस मूर्ति की काफी चर्चा है। मूर्ति को काफी खूबसूरती से बनाया गया है।