नहीं थम रहा तापमान बढ़ने के सिलसिला, पीने के पानी को तरस रहे लोग

punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2024 - 06:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हिमाचल प्रदेश में अपर्याप्त बारिश तथा बर्फबारी के साथ-साथ बढ़ते तापमान के कारण जल स्रोत सूख रहे हैं, जिससे राज्य की पेयजल आपूर्ति की 478 परियोजनाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। जल शक्ति विभाग की मुख्य अभियंता अंजू शर्मा ने कहा, ‘‘इसके कारण 478 योजनाएं प्रभावित हैं, जिनमें से 32 सोलन क्षेत्र के धर्मपुर क्षेत्र में हैं। जल स्रोत में 75 प्रतिशत से अधिक पानी की कमी होने तथा कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं होने के कारण, तीन से चार दिन के अंतराल पर जलापूर्ति की जा रही है।''

उन्होंने कहा, ‘‘हम गिरि परियोजना से पानी लेकर और छोटी योजनाओं को जोड़कर मांग को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और प्रशासन से टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन अगर तापमान बढ़ता रहा तो स्थिति और खराब हो सकती है। राज्य में लगभग 3,500 पंचायतों को पानी की आपूर्ति के लिए 10,067 योजनाएं हैं। शर्मा ने बताया कि आदिवासी स्पीति घाटी के काजा में भी पांच से छह गांव प्रभावित हैं, लेकिन यहां सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की मांग है। उन्होंने बताया कि सिंचाई के लिए पीने के पानी का इस्तेमाल किए जाने से यह किल्लत हुई है।

उन्होंने लोगों से सिंचाई के लिए पीने के पानी का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। शर्मा ने बताया कि चूंकि काजा क्षेत्र में हैंडपंप बहुत कारगर हैं, इसलिए पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए और अधिक हैंडपंप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर बारिश होती है तो स्थिति में सुधार हो जाएगा क्योंकि सिंचाई के पानी की मांग कम हो जाएगी और पीने के लिए अधिक पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे स्थान जहां जल स्रोत में पानी की कमी 25 से 50 प्रतिशत के बीच है वहां स्थिति से निपटने के लिए जलापूर्ति की अवधि में कटौती की जा रही है।

शर्मा ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने के अलावा, पानी के नए कनेक्शन और निर्माण के लिए कनेक्शन जारी करने पर 15 जुलाई तक रोक लगा दी गई है। गर्मियों के दौरान पानी की किल्ल्त एक बड़ी समस्या है। कसौली तथा शिमला जैसे पर्यटक स्थलों में स्थिति और भी खराब हो गई क्योंकि गर्मियों में बड़ी संख्या में पर्यटक पहाड़ी रिजॉर्ट में पहुंचने लगे हैं। वर्ष 2018 में शिमला में कई दिनों तक पानी की आपूर्ति ठप रही थी। उस समय पानी की उपलब्धता औसतन 37-38 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) के मुकाबले घटकर 18 एमएलडी रह गई थी। यह संकट इस हद तक बढ़ गया था कि निवासियों और होटल संचालकों ने सोशल मीडिया पर अपील कर पर्यटकों को समस्या का समाधान होने तक शिमला न आने के लिए कहना पड़ा था।


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News Editor

Parveen Kumar

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