बेहद दुखद खबर! बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष ने दुनिया को कहा अलविदा, 10 नवंबर तक श्रद्धालु कर सकेंगे अंतिम दर्शन
punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 01:28 PM (IST)
नेशनल डेस्क : यूपी के कुशीनगर से दुखद खबर है। बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे पिछले 20 दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। हालांकि, उनकी बीमारी के बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
आज 31 अक्टूबर 2025 को दोपहर तक उनका पार्थिव शरीर कुशीनगर के बर्मी बुद्ध विहार लाया जाएगा। यहां 10 नवंबर तक श्रद्धालु और अनुयायी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद बौद्ध परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती ने भावपूर्ण ह्रदय ने श्रद्धांजलि दी।
बौद्ध धर्मगुरु श्री भंते ज्ञानेश्वर जी, बर्मा मंदिर, कुशीनगर के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 31, 2025
बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के प्रति आजीवन समर्पित श्री भंते ज्ञानेश्वर जी एक प्रसिद्ध संत थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान बुद्ध के ज्ञान और करुणा के प्रसार में समर्पित कर…
भदंत ज्ञानेश्वर का जन्म म्यांमार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना अधिकांश जीवन भारत के कुशीनगर में बिताया। वे म्यांमार बुद्ध विहार के पीठाधीश्वर भी थे और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने जीवनभर भगवान बुद्ध के करुणा, शांति और अहिंसा के संदेश को फैलाने का कार्य किया।
परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के धम्मदीक्षा गुरु पूज्य भदन्त चन्द्रमणि महास्थवीर के सुयोग्य उत्तराधिकारी पूज्य भदन्त ज्ञानेश्र महास्थवीर जी, अध्यक्ष, कुशीनगर भिक्खु संघ का लगभग 90 वर्ष की आयु में आज देहावसान हो गया है। देश-विदेश में फैले उनके अनुयायियों में…
— Mayawati (@Mayawati) October 31, 2025
भदंत ज्ञानेश्वर ने कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी इस सेवा भावना के चलते उन्हें कई सम्मान मिले। वर्ष 2023 में म्यांमार सरकार ने उन्हें अपने देश के सर्वोच्च धार्मिक सम्मान 'अभिध्वजा महारथा गुरु' की उपाधि से सम्मानित किया था। गौर करने वाली बात यह है कि यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय भिक्षु थे।
उनके निधन से पूरे बौद्ध भिक्षु संघ, अनुयायियों और श्रद्धालुओं में शोक की लहर दौड़ गई है। कुशीनगर और आसपास के इलाकों में भी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भिक्षु संघ ने कहा कि भदंत ज्ञानेश्वर का योगदान अमर रहेगा और उनके दिखाए मार्ग पर संघ आगे बढ़ता रहेगा।
