महाकुंभ में संगम नोज पर भगदड़ से मौतों का बढ़ा आंकड़ा, क्यों बनता है ये स्थल सबसे ज्यादा भीड़ वाला?
punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 11:57 AM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम नोज पर स्नान करने पहुंची थी। इस दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए त्वरित कदम उठाए और भीड़ को डायवर्ट किया। इस हादसे के बाद श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई थी, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से हालात को नियंत्रण में लाया गया।
संगम नोज का क्या है इसका महत्व?
संगम नोज प्रयागराज का वह स्थान है, जहां तीन पवित्र नदियाँ—गंगा, यमुना, और सरस्वती—मिलती हैं। हिन्दू धर्म में इसे अत्यधिक पवित्र माना जाता है। इस स्थान का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज्यादा है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु यहां स्नान करने के लिए आते हैं, क्योंकि यह माना जाता है कि यहां स्नान करने से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। संगम नोज का नाम इसके आकार की वजह से पड़ा है, जो नोज (नाक) जैसा प्रतीत होता है। यहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं, और यही वजह है कि इसे महाकुंभ में सबसे अहम स्थान माना जाता है। साधु-संतों के लिए भी यह जगह विशेष महत्व रखती है, और कई प्रमुख संत यहीं स्नान करने आते हैं।
लगभग 50,000 श्रद्धालु के लिए स्नान करने की व्यवस्था
मौनी अमावस्या के दिन जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम नोज पर स्नान करने पहुंची, तो स्थिति अचानक बहुत ज्यादा बिगड़ गई। लाखों श्रद्धालु यहां एक साथ स्नान करने के लिए पहुंचे थे, जिसकी वजह से भीड़ का दबाव अत्यधिक बढ़ गया। प्रशासन की ओर से पहले तो स्नान करने की व्यवस्था की गई थी कि हर घंटे लगभग 50,000 श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं, लेकिन इस बार महाकुंभ के मद्देनजर यह संख्या बढ़ाकर 2 लाख प्रति घंटे की गई थी। इसके बावजूद, भारी संख्या में श्रद्धालुओं के एक साथ आने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई। इसके परिणामस्वरूप, 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया और घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया। पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए विभिन्न रास्तों को खोला और कई स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई।
श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम नोज की ओर न बढ़ें
घटना के बाद, प्रशासन ने तुरंत सक्रिय कदम उठाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य प्रमुख संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम नोज की ओर न बढ़ें और जहां वे पहले से मौजूद हैं, वहीं पर स्नान करें। सीएम योगी ने अपने संदेश में कहा, "कृपया संगम नोज की ओर न जाएं, क्योंकि वहां पहले से ही अत्यधिक भीड़ है। जहां आप हैं, वहीं स्नान करें। प्रशासन ने मेला क्षेत्र में कई घाटों का निर्माण किया है, जहां पर बिना किसी समस्या के स्नान किया जा सकता है।" उन्होंने आगे यह भी कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से यह भी अपील की कि वे किसी भी अफवाह से बचें और खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, कई घाटों पर स्नान की व्यवस्था को बढ़ाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
भीड़ का प्रबंधन कितना चुनौतीपूर्ण
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, प्रशासन ने संगम नोज के क्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया था। 2019 की तुलना में इस बार संगम नोज का क्षेत्र और विस्तार किया गया था, ताकि हर घंटे 2 लाख लोग स्नान कर सकें। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में घाटों का निर्माण किया गया है, जहां श्रद्धालु आराम से स्नान कर सकते हैं। भारी भीड़ और अधिक स्नान के लिए बढ़ाई गई व्यवस्थाओं के बावजूद, संगम नोज पर अचानक मची भगदड़ ने प्रशासन की चुनौती को और बढ़ा दिया। ऐसे में प्रशासन को भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता थी।
महाकुंभ के इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ का प्रबंधन कितना चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया, लेकिन यह घटना श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करती है। श्रद्धालुओं को संगम नोज की ओर न बढ़ने की अपील के बावजूद, भीड़ का दबाव नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और अपने सुरक्षा के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।