क्या ज्यादा गहरे रंग की शराब ज्यादा चढ़ती है? जानिए वैज्ञानिकों की राय
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 06:56 PM (IST)
नेशनल डेस्क : यह माना जाता है कि गहरे रंग की शराब जैसे व्हिस्की, रम, ब्रांडी या रेड वाइन, हल्की शराब जैसे वोडका, जिन या व्हाइट वाइन की तुलना में ज्यादा नशा कराती है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से यह सही नहीं है। किसी भी ड्रिंक का रंग नशे की तीव्रता तय नहीं करता, बल्कि उसकी अल्कोहल मात्रा (ABV) यह निर्धारित करती है कि आप कितना नशा महसूस करेंगे।
अल्कोहल प्रतिशत ही तय करता है नशा
अगर दो तरह की ड्रिंक्स में 40% अल्कोहल है, तो दोनों का नशा समान होगा। चाहे वह डार्क व्हिस्की हो या क्लियर वोडका। शरीर में ब्लड अल्कोहल लेवल बढ़ने पर ही नशा ज्यादा महसूस होता है।
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डार्क लिकर में क्या होता है खास?
गहरे रंग वाली शराब में कॉन्जेनर नामक रसायन अधिक होते हैं। ये फर्मेंटेशन और एजिंग प्रक्रिया के दौरान बनते हैं और ड्रिंक को गहरा रंग, तीखी खुशबू और अलग स्वाद देते हैं। हल्की शराब में इनकी मात्रा कम होती है।
हैंगओवर क्यों ज्यादा होता है?
कॉन्जेनर की अधिकता के कारण डार्क लिकर का हैंगओवर अधिक तेज और परेशान करने वाला हो सकता है। शोध में पाया गया कि बॉर्बन, रेड वाइन या अन्य डार्क ड्रिंक्स अगली सुबह अधिक सिरदर्द, उलझन और डिहाइड्रेशन पैदा करती हैं।
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गलतफहमी कैसे फैली?
डार्क शराब का गहरा स्वाद और तीव्र खुशबू इसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग महसूस कराती है। इसके साथ होने वाला तेज हैंगओवर लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि उन्होंने ज्यादा नशा किया, जबकि वास्तव में नशा केवल अल्कोहल प्रतिशत से तय होता है।
