भारतीय सेना के 'सुदर्शन चक्र' के रणबांकुरो के पराक्रम से गूंजा थार का रेगिस्तान

punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2019 - 04:57 AM (IST)

नेशनल डेस्कः दुश्मनों के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की 21 स्ट्राइक कोर ‘सुदर्शन चक्र’ का मैराथन वार गेम सिंधु सुदर्शन सोमवार सुबह शुरू हो गया। इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए किसी भी युद्ध के अपने नए डॉक्ट्रेन को परख रही है। इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है। आसमां से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम खास हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर पावर प्रदर्शित कर रही है। पोखरण फायरिंग रेंज आज सुबह से गोला बारूद के धमाकों से लगातार गूंज रही है।
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भारतीय सेना की सुदर्शन चक्र कोर युद्धाभ्यास फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। इस अभ्यास में सेना व वायुसेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। टैंकों व अत्याधुनिक तोपों के माध्यम से जबरदस्त मारक क्षमता के साथ दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों जमीनी हमला बोला गया।
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वहीं जोधपुर से उड़ान भर पहुंचे जगुआर और बाड़मेर के उत्तरलाई से पहुंचे मिग-21 फाइटर्स ने आसमान से हमला बोल दुश्मन की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रही सही कसर अटैक हैलिकॉप्टर और मानव रहित विमान से किए गए हमलों ने पूरी कर दी। वहीं मानव रहित विमान की रैकी से मिली जानकारी के आधार पर राकेटों के माध्यम से किए गए सटीक हमलों ने दुश्मन को चौंका दिया।
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भारतीय सेना समय-समय पर इस तरह के युद्धाभ्यास करती रहती है। इन युद्धाभ्यास के माध्यम से सेना अपनी विभिन्न इकाइयों के साथ ही एयर फोर्स के साथ आपसी तालमेल को परखती है। सैन्य विशेषज्ञ लगातार प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते है और वे अंक प्रदान करते है। इसके बाद सभी विशेषज्ञ साथ में बैठ आपस में अपने विचार साझा करते है। इसके बाद इनमें सामने आई कमियों को अगले दिन दूर कर फिर से नए सिरे से युद्धाभ्यास किया जाता है। साथ ही प्रत्येक दिन दुश्मन की लोकेशन के साथ अलग-अलग फोरमेशन के साथ हमला करने का अभ्यास किया जाता है।


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Yaspal

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