संसद में जयशंकर का विपक्ष पर पलटवार, कहा- चीन गुरु'' करते हैं सीक्रेट समझौते, भारतीय सेना खुद ही सक्षम
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 01:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में चीन-पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती,आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खुलकर बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है और उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं है। जयशंकर ने पाकिस्तान में आतंकी और सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों में हुई तबाही का भी जिक्र किया, जिससे यह साफ होता है कि भारत अपने दम पर कार्रवाई करने में सक्षम है।
चीन दौरे और 'सीक्रेट समझौते' पर राहुल गांधी पर तंज
विदेश मंत्री ने अपने चीन दौरे और 'सीक्रेट समझौते' के आरोपों पर जवाब देते हुए विपक्षी नेताओं, खासकर राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, "आप जब ओलंपिक गए, किससे मिले, क्या बात की? मैं चीन गया था तो आतंकवाद पर बात की। मैंने किसी सीक्रेट समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए। ये केवल 'चाइना गुरु' करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों को चीन का ज्ञान केवल ओलंपिक जाने से हुआ, लेकिन वहां किससे मिले या क्या समझौता हुआ, उस पर कोई बात नहीं हुई। जयशंकर ने कटाक्ष करते हुए कहा, "ओलंपिक्स की क्लासरूम में कुछ बातें छूट जाती हैं, प्राइवेट क्लासेज भी लेनी पड़ती हैं।" उनका इशारा उन लोगों की तरफ था जो चीनी राजदूत को घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं।
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चीन-पाकिस्तान दोस्ती पर ऐतिहासिक संदर्भ
चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर जयशंकर ने कहा,"'चाइना गुरु' कहते हैं... चीन-पाकिस्तान साथ आ गए। हां, सही बात है। ये तब हुआ जब हमने Pok छोड़ दिया।" उन्होंने राज्यसभा में चीन-पाकिस्तान संबंधों का इतिहास भी गिनाया। उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ रातोंरात नहीं हुआ, बल्कि इसका एक लंबा इतिहास है। जयशंकर ने तंज कसते हुए कहा कि यह कहना कि यह 'बस मुझे पता था और किसी को जानकारी नहीं थी' का मतलब है कि आप इतिहास की क्लास में सो रहे थे।
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उन्होंने 'न्यू नॉर्मल' और 'कांग्रेस नॉर्मल' की भी बात की और 'न्यू नॉर्मल' के पांच बिंदु बताए। उन्होंने 'चाइंडिया' यानी चीन और भारत की एक संधि बनाने के प्रयासों पर भी बात की। उन्होंने सवाल उठाया, "जिस देश के साथ हमारा युद्ध हो चुका है, उसे आप स्ट्रैटेजिक पार्टनर का दर्जा कैसे दे सकते हैं?" जयशंकर ने आरोप लगाया कि 2006 में जब हू जिंताओ भारत आए थे, तब रीजनल ट्रेड बढ़ाने के लिए समझौता हुआ और टास्क फोर्स की घोषणा हुई, जिसमें टेलीकॉम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी कंपनियों को निमंत्रण दिया गया। उन्होंने कहा, "टेलीकॉम जैसे सेंसिटिव काम के लिए आपने चीनी कंपनियों को निमंत्रण दिया और आप राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं। सबसे बड़ा नुकसान हमारे लिए वही लोग हैं।"
मुंबई हमलों पर चुप्पी और 'ज्ञान' देने वालों पर पलटवार
एस जयशंकर ने UNSC में भारत की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भले ही भारत UNSC का स्थायी सदस्य न हो, लेकिन पाकिस्तान के सदस्य होने के बावजूद, UNSC प्रमुख का बयान भारत के पक्ष में आया। उन्होंने रूस समेत कुछ देशों के बयानों का भी सदन में उल्लेख किया और बताया कि यह भारत की सफल कूटनीति का प्रमाण है।
विपक्ष की ओर से इस पर कुछ टिप्पणी किए जाने पर, विदेश मंत्री ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, "जो लोग मुंबई पर चुप रहे, वो आज हमें ज्ञान दे रहे हैं कि क्या करें।" इस टिप्पणी पर विपक्ष के कई सदस्य खड़े हो गए और 'पॉइंट ऑफ ऑर्डर' उठाने लगे। आसन से हरिवंश ने सभी को शांत करने की कोशिश की और सुष्मिता देव को 'पॉइंट ऑफ ऑर्डर' उठाने की अनुमति दी। आसन ने सुष्मिता देव के 'पॉइंट ऑफ ऑर्डर' को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह अप्रासंगिक है। हरिवंश ने जयशंकर से कहा, "सॉरी फॉर डिस्टर्ब यू, प्लीज कॉन्टिन्यू।" इस पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया, "सर, हम डिस्टर्ब नहीं होते, डिस्टर्ब वो लोग होते हैं।"