''आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे'', राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बोले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय
punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 03:46 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कश्मीर सहित देश की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि उसकी नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और ‘‘आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे।'' गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह भी बताया कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने 900 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में 28 आतंकियों को मार गिराया गया है।
'आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे'
उन्होंने स्वीकार किया, ‘‘आतंकी हमलों में हमारे कुछ जवानों की भी जान गई है।'' उन्होंने पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि 2004 से 2014 के बीच आतंकी घटनाओं की संख्या 7217 थी जबकि 2014 से 21 जुलाई 2024 तक ऐसी 2259 घटनाएं हुई हैं ‘‘जो नहीं होना चाहिए थीं। इस पर राजनीतिक नहीं करनी चाहिए। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है तथा आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे।'' राय ने बताया कि 2004 से 2014 तक आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की संख्या 2829 थी जो बीते दस वर्ष में 67 प्रतिशत घट कर करीब 941 रह गई। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का आज अनुकूल माहौल है, स्कूल, कालेज खुल रहे हैं, कारोबार बढ़ रहा है और अवसंरचना का विकास किया जा रहा है।
पर्यटकों की सुरक्षा के सवाल पर क्या बोले नित्यानंद राय?
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि कश्मीर जाने वाले पर्यटक के मन में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। आतंकी हमले पर्यटकों के मन में चिंता उत्पन्न करते हैं। ऐसे में वहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। इस पर राय ने बताया कि 2023 में दो करोड़ 11 लाख पर्यटकों का कश्मीर जाना बताता है कि वहां सुरक्षा की स्थिति है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तो पर्यटक कश्मीर जाने से डरते थे। गृह राज्य मंत्री राव ने बताया कि 2015 में लागू किया गया जिसके तहत भारत सरकार के 15 मंत्रालयों ने 58477 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जिससे राज्य के विकास को गति मिली। इसके तहत 53 परियोजनाएं शुरू की गईं जिनमें से 35 परियोजनाएं पूरी होने जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस विकास पैकेज से न केवल वहां तत्काल जरूरतें पूरी हो रही हैं बल्कि वहां विकास भी हो रहा है। वहां उच्च शिक्षण संस्थान से लेकर अवसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। राय ने कहा कि इस पैकेज से स्थानीय लोगों को और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी लाभ हो रहा है। कश्मीरी पंडितों के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में राय ने कहा कि कभी जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों ने अत्याचार की वजह से घाटी से पलायन किया था। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति एवं साजिश कश्मीरी पंडितों के वहां से पलायन का मुख्य कारण था।
'कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे'
राय ने बताया कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहां 6000 रिक्त पदों में से 5700 से अधिक पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है और शेष 206 पदों पर जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। वहां घाटी के विभिन्न जिलों में 2015 में पीएम पैकेज के तहत 6000 ट्रांजिट आवास निर्माण की मंजूरी दी गई थी। इनमें से 2088 फ्लैट बन गए हैं और शेष का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा उनके पुनर्वास के लिए नौकरी की व्यवस्था की गई है। उनके पुनर्वास के लिए की गई इस पहल के तहत 6000 पदों पर उनकी नियुक्ति की जानी थी जिनमें से 5724 पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं और शेष 276 पद पर नियुक्तियां की जा रही हैं।