वैश्विक उथल-पुथल के बीच केंद्रीय बैंकों के स्वर्ण भंडार ने नई ऊंचाई को छुआ

punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 09:57 AM (IST)

नेशनल डेस्क: वैश्विक अनिश्चितताओं के इस दौर में, जहां आर्थिक तनाव, मुद्रास्फीति और युद्ध जैसे हालात बढ़ रहे हैं, वहीं केंद्रीय बैंक लगातार तीसरे साल रिकॉर्ड मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, 2025 में भी 1,000 टन से अधिक सोने की खरीदारी की गई है, जो पिछले दशक के औसत 400-500 टन से कहीं अधिक है। सोने को हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। जब दुनिया में अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो सोने की ओर निवेशक और देश दोनों भागते हैं। WGC के सर्वे में 95% केंद्रीय बैंकों ने माना है कि अगले 12 महीनों में वे अपने स्वर्ण भंडार में और इजाफा करेंगे। 43% ने साफ किया कि वे अपने स्वर्ण भंडार को निश्चित रूप से बढ़ाएंगे।

डॉलर से दूरी, सोने से नजदीकी

एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि 73% केंद्रीय बैंकों का मानना है कि आने वाले 5 वर्षों में वैश्विक भंडार में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी घटेगी। इसकी जगह सोना, यूरो और चीनी रेनमिनबी जैसी मुद्राएं धीरे-धीरे अपनी जगह बनाएंगी। यह संकेत है डी-डॉलरीकरण की ओर बढ़ते कदमों का।

सोना खरीदने के क्या फायदे हैं?

  • यह वैश्विक संकट के समय स्थिरता देता है

  • यह मुद्रास्फीति के खिलाफ एक मजबूत ढाल है

  • यह मुद्रा भंडार में विविधता लाता है

  • यह लंबे समय तक मूल्य को सुरक्षित रखता है

WGC का मानना है कि यह ट्रेंड सिर्फ अभी के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय के लिए है, जिसका सीधा असर गोल्ड की कीमतों और उससे जुड़ी संपत्तियों पर पड़ेगा।

जोखिम प्रबंधन बन रहा है प्राथमिकता

सर्वे में यह भी सामने आया कि अब अधिक केंद्रीय बैंक सिर्फ सोना जमा नहीं कर रहे, बल्कि उसे एक्टिवली मैनेज भी कर रहे हैं। 2024 में जहां सिर्फ 37% बैंक ऐसा कर रहे थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 44% तक पहुंच गया है। यानी अब केंद्रीय बैंक रिटर्न बढ़ाने के साथ-साथ जोखिम नियंत्रण पर भी फोकस कर रहे हैं।

भंडारण का बदलता ट्रेंड

भंडारण के मामले में अब भी सबसे लोकप्रिय जगह बैंक ऑफ इंग्लैंड है, जहां 64% केंद्रीय बैंक अपने सोने का कुछ हिस्सा रखते हैं। लेकिन घरेलू भंडारण भी तेजी से बढ़ रहा है। 2024 में 41% बैंक ही घरेलू भंडारण कर रहे थे, जबकि 2025 में यह बढ़कर 59% हो गया है।

निवेशकों को क्या समझना चाहिए?

यूएई और भारत जैसे देशों में जहां गोल्ड ट्रेडिंग और आभूषण खरीदना आम है, वहां यह संकेत बेहद अहम है। अगर केंद्रीय बैंक सोने में भरोसा जता रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि सोना अब भी एक सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश विकल्प है।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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