कालॅगर्ल से सेक्स सरगना तक....
punjabkesari.in Tuesday, Dec 26, 2017 - 10:54 AM (IST)

नई दिल्ली: एक जमाने में लेडी डॉन सोनू पंजाबन कभी खुद कॉल गर्ल थी लेकिन समय के फेर ने उसे एक डॉन और माफिया बना दिया। मौजूदा समय में वह जेल में हो या बाहर, उसके धंधे बखूबी चलते हैं। मौजूदा समय में उसके दिल्ली में जहां 50 से अधिक जगहों पर सेक्स के अड्डे हैं, वहीं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में वह लड़कियों की खरीद फरोख्त का काम करती है। उसके धंधे फ्लैट और कई पांच सितारा होटल में भी चलते हैं। ये खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है। बताया जाता है कि जब पूर्व में उसे जेल भेजा गया था तो कुछ समय के लिए उसके धंधे बंद हो गए थे, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद सोनू ने अपना पूरा नेटवर्क खड़ा कर लिया और धीरे-धीरे सबसे आगे पहुंच गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धीरे-धीरे माफियाओं, शूटर सहित पुराने लोगों से मुलाकात की और एक व्हाट्सएप गु्रप बनाया, इसमें अलग-अलग राज्यों में सक्रिय दलालों और लड़कियों को जोड़ा। मौजूदा समय में साकेत, गीता कॉलोनी, महरौली, नजफगढ़, हौजकाजी, डिफेंस कॉलोनी, मूलचंद, ओखला, करोल बाग, सुल्तानपुरी, गुडग़ांव, नोएडा और अलीपुर में इसके अड्डे हैं। जीबी रोड में देह व्यापार का सबसे बड़ा कारोबार होता है। नेपाल और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी की जाती है और उन्हें यहां के कोठों पर सजा दिया जाता है। यहां सेक्स वर्कर किन हालातों में रहती हैं इस बारे में पुलिस महकमा भी जानता है। यहां रोज देश के कोने-कोने से लड़कियां लाई जाती हैं। ज्यादातर को इस धंधे में जबरन डाला जाता है। महिलाओं की कितनी तस्करी होती है, इसकी कोई ठीक जानकारी उपलब्ध तो नहीं है, लेकिन यकीनन यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला होगा।
यहां बैठे हैं 28 सरगना...
सूत्रों के अनुसार जीबी रोड पर 28 कोठे बने हुए हैं। जिसका मालिकाना हक कागजों में भले ही किसी और के नाम पर है, मगर उसके असल मालिक नेता सहित बड़े कारोबारी हैं। इसमें कुल 28 लोग शामिल हैं, जो इस गोरख धंधे को पर्दे के पीछे रहते हुए चला रहे हैं। अगर यहां के रोजाना की आमदनी पर नजर डाली जाए तो लगभग 12 लाख रुपए से भी अधिक बैठती है। यदि सरकार विदेशों की तरह इन कोठों से टैक्स वसूलना शुरू कर दे तो दिल्ली ये कोठे दिल्ली के प्रमुख कर दाताओं में शामिल हो जाएंगे।
कई पतियों को मुठभेड़ में मरवाया
खुद का सेक्स कारोबार शुरू करने और अपना प्रभाव स्थापित करने के लिए सोनू पंजाबन ने ही अपने पतियों और दोस्तों का पुलिस से मिलकर एन्काउंटर करवाया था। उसने उनके आपराधिक ताकत का उपयोग कर सफलता की सीढिय़ा चढ़ीं, फिर जब उसे लगा कि उसका पति ही उसकी सफलता में रोड़ा बन सकता है तो उसने मुखबिरी कर पुलिस से उनको मरवा दिया। ताकि पुलिस उसके धंधे में टांग न अड़ाए। यही कारण है कि एक के बाद एक जो भी उसके नजदीक आया, पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया। यहां तक कि वह जिसके नाम से जानी जाती है, वह भी नहीं बचा। यही नहीं हेमंत के बाद भी वह अशोक उर्फ बंटी नामक एक अपराधी के नजदीक आई थी। पर बंटी भी दिलशाद गार्डन इलाके में पुलिस के हाथों मारा गया था। कहा जाता है कि उनके मरने के बाद सोनू ने उसकी बेनामी संपत्ति पर कब्जा कर लिया और अपना एक कारोबार स्थापित कर लिया। कभी स्थिति यह थी कि सोनू को इनकार करने वाला सुबह का सूरज नहीं देख पाता था।
जीबी रोड के कोठों पर भी रहा है दखल
जीबी रोड के कोठों पर भी कभी सोनू पंजाबन का दखल रहा है। बताया जाता है कि वह जरूरत पडऩे पर वहां से भी वेश्याएं किराए पर लिया करती थी। साल 1965 में जीबी रोड का नाम बदलकर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया, लेकिन वक्त बीतता गया और जीबी रोड रोज इतिहास के पन्नों में खुद को समेटने में जुटा रहा। इस इलाके का अपना इतिहास भी है। कहा जाता है कि यहां मुगलकाल में कुल पांच कोठे हुआ करते थे जिन्हें अंग्रेजों के वक्त में एक साथ कर दिया गया और उसी समय इसका नाम जीबी रोड पड़ा।
गीता कैसे बनी सोनू पंजाबन?
दिल्ली में सेक्स रैकेट को एक संगठित गिरोह के रूप में बदलने वाली सोनू पंजाबन का असली नाम गीता अरोड़ा है। उसे यह नाम उसके ही एक ब्वॉय फ्रैंड के नाम पर मिला है, जो पुलिस इनकाउंटर में मारे गए पूर्व पति का भाई था। उसका नाम हेमंत उर्फ सोनू था। हेमंत भी हरियाणा का एक कुख्यात अपराधी था, जिसे गुडग़ांव पुलिस ने इनकाउंटर में मार गिराया था। उसी के साथ रहने के दौरान गीता को सभी उसी के नाम सोनू और गीता के सर नेम अरोड़ा के कारण पंजाबन कहकर लोग पुकारने लगे थे। गीता अरोड़ा आरंभ में एक सामान्य कॉलगर्ल थी। वह उस वक्त सुॢखयों में आई थी जब एक बड़े व्यापारी की लाश उसकी गाड़ी में मिली थी। पर वह अपने शातिर दिमाग के कारण बेहद खूबसूरती से पुलिस के चंगुल से निकल गई। इसके बाद उसकी दोस्ती रोहतक के कुख्यात अपराधी विजय से हुई। बाद में दोनों ने शादी कर ली। पर थोड़े ही दिनों बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने विजय का इनकाउंटर कर दिया। इसके बाद गीता की दोस्ती एक अन्य अपराधी दीपक से हुई। जब पुलिस उसके पीछे पड़ी तो दीपक दिल्ली छोड़ असम भाग गया। पर पुलिस ने असम पहुंच उसे एनकाउंटर में मार गिराया। दीपक के मरने के बाद गीता दीपक के भाई हेमंत उर्फ सोनू की निगाह में गई। हेमंत भी रोहतक इलाके का बड़ा अपराधी था। इसके बाद गीता ने उसकी सरपरस्ती में सेक्स रैकेट को बढ़ाना शुरू किया और कुछ ही दिनों में दिल्ली में पूरे कारोबार पर कब्जा कर लिया। पर 2006 में गुडग़ांव पुलिस के हाथों मारा गया। उसके कुछ नजदीकियों का कहना है कि गीता ने हेमंत से भी शादी कर ली थी।
लड़कियों का अपहरण भी कराती है सोनू पंजाबन
सोनू पंजाबन न केवल खुद कभी जिस्मफरोशी में लिप्त रही बल्कि जब वह उम्रदराज हो गई और उसकी डिमांड घटने लगी तो उसने कमसिन लड़कियों को इस धंधे में उतारने का मन बनाया और कई लड़कियों को बहला-फुसलाकर गोरखधंधे में उतार दिया। यही नहीं, उसे जब कोई लड़की पसंद आ जाती थी, तो वह उसका अपहरण तक करा लेती थी।सोनू पंजाबन का नाम आते ही दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने उस पर निगाह रखने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को ये केस सौपा। जांच में पता चला कि दो लड़कों ने लड़की का अपहरण कर उसे सोनू पंजाबन को सौंप दिया था। इसके बाद लेडी डॉन ने लड़की को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। तीन-चार महीने देह व्यापार करने के बाद उसे लखनऊ के एक आदमी को 20 लाख में बेच दिया था। सोनू पंजाबन का फोन सर्विलांस पर लिया गया तो उसमें जो बाते सामने आई उससे दिल्ली पुलिस भी चकित है। पता चला कि इन दिनों फिर से सोनू पंजाबन नाबालिग लड़कियों की खरीद फरोख्त कर रही है और देहव्यापार का धंधा भी। यही नहीं, इन दिनों वह दिल्ली हरियाणा और एनसीआर में इस कार्य को अंजाम दे रही है।