UAE में फांसी की सजा: शहजादी के बाद 2 और भारतीयों को दी गई सजा-ए-मौत, जानिए क्या था जुर्म?

punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 01:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारत की शहजादी के बाद दो भारतीय नागरिकों को हत्या के आरोप में फांसी दे दी गई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस खबर की पुष्टि की है। बता दें कि दोनों भारतीय केरल राज्य के रहने वाले थे। आइये आपको बताते हैं कि इन्होंने क्या जुर्म किया था?

क्यों दी गई फांसी?

फांसी की सजा पाने वालों में मोहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू और मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलाप्पिल शामिल थे।

: मोहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू को एक अमीराती नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था।
: मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलाप्पिल को एक भारतीय नागरिक की हत्या का दोषी माना गया था।

यूएई के सर्वोच्च न्यायालय कोर्ट ऑफ कैसेशन ने इनकी सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद 28 फरवरी 2025 को यूएई के अधिकारियों ने भारत के दूतावास को सूचना दी कि दोनों को फांसी दी जा चुकी है।

भारत सरकार का रुख

भारत का विदेश मंत्रालय मृतकों के परिवारों के संपर्क में है और उनकी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में मदद कर रहा है।

 

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पहले भी दी गई है भारतीय नागरिकों को फांसी

यूएई में भारतीय नागरिकों को मौत की सजा मिलने का यह पहला मामला नहीं है।

: 15 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली 33 वर्षीय शहजादी खान को भी फांसी दी गई थी।
: शहजादी पर चार महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। उसे दुबई में दो साल कैद में रहने के बाद फांसी की सजा सुनाई गई थी।

 

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यूएई में कितने भारतीयों को मिली है सजा-ए-मौत?

भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 13 फरवरी को राज्यसभा में बताया था कि यूएई में 29 भारतीय नागरिक मौत की सजा का सामना कर रहे थे।

: शहजादी खान को फांसी दिए जाने के बाद यह संख्या घटकर 28 रह गई थी।
: अब इन दो फांसियों के बाद संख्या और कम हो गई है।

भारत और यूएई के रिश्तों पर असर

यूएई में भारतीय नागरिकों को मिलने वाली मौत की सजा एक गंभीर विषय बनता जा रहा है। यह मामला भारत और यूएई के बीच कूटनीतिक चर्चाओं को प्रभावित कर सकता है। भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि फांसी की सजा पाने वाले नागरिकों को कानूनी सहायता दी जाए।

वहीं यूएई में भारतीय नागरिकों को दी गई मौत की सजा ने एक बार फिर विदेशी जेलों में भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए है और मृतकों के परिवारों की हर संभव मदद कर रही है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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