भारतीय सेना ने बदला सोशल मीडिया का नियम, जानें अब जवान क्या कर सकेंगे और क्या नहीं
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 06:19 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारतीय सेना ने अपने जवानों और अधिकारियों के लिए सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के इस्तेमाल को लेकर नई विस्तृत गाइडलाइंस जारी की हैं। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस नई नीति में इंस्टाग्राम, X, यूट्यूब, लिंक्डइन और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि जवान डिजिटल खतरों से सुरक्षित रह सकें और सैन्य अनुशासन बनाए रखा जा सके।
इंस्टाग्राम, X और यूट्यूब के इस्तेमाल के नियम
सेना की नई पॉलिसी के तहत सैन्य कर्मी अब इंस्टाग्राम, X, यूट्यूब और कोरा जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल केवल जानकारी प्राप्त करने, ट्रेंड्स या न्यूज मॉनिटरिंग के उद्देश्य से कर सकते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी प्रकार का कमेंट करना, अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करना, पोस्ट करना या कोई कंटेंट अपलोड करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जवानों की डिजिटल गतिविधियां पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित हों।
मैसेजिंग ऐप्स पर नियम और सीमाएं
व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल और स्काइप जैसे मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल केवल सामान्य प्रकृति की अवर्गीकृत जानकारी या सामग्री के आदान-प्रदान के लिए किया जा सकता है। इस सामग्री को केवल उन्हीं लोगों के साथ साझा किया जा सकता है जिन्हें यूजर व्यक्तिगत रूप से जानता हो और उनकी पहचान सुनिश्चित कर सकता हो। इस मामले में प्राप्तकर्ता की सही पहचान की पूरी जिम्मेदारी यूजर पर होगी। इसका उद्देश्य यह है कि संवेदनशील जानकारी किसी भी अनजाने या गलत व्यक्ति के पास न पहुंचे और सुरक्षा का स्तर उच्च रहे।
लिंक्डइन के इस्तेमाल की शर्तें
सैन्य कर्मी लिंक्डइन का इस्तेमाल केवल पेशेवर उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जवान लिंक्डइन पर अपना रिज्यूमे अपलोड करने, संभावित नियोक्ताओं या कर्मचारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने या पेशेवर नेटवर्किंग के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर पेशेवर प्रोफाइल अपडेट करने की अनुमति है, लेकिन किसी प्रकार की विवादास्पद या व्यक्तिगत जानकारी साझा करना प्रतिबंधित है।
नई पॉलिसी की आवश्यकता और उद्देश्य
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियां अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ‘हनी ट्रैप’, डेटा माइनिंग और अन्य डिजिटल जासूसी की कोशिशें करती रहती हैं। ऐसे में सेना की नई नीति का उद्देश्य अपने जवानों को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखना और सैन्य अनुशासन बनाए रखना है। नई गाइडलाइंस यह सुनिश्चित करती हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल नियंत्रित और सुरक्षित ढंग से हो।
