Indian Deport : अमेरिका से भी ज्यादा भारतीयों को इस Country ने किया डिपोर्ट, जानें क्या है वजह?

punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 11:00 AM (IST)

Indian Deport : विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए ताजा आंकड़ों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पिछले पांच वर्षों में सऊदी अरब ने अमेरिका की तुलना में कहीं अधिक भारतीय नागरिकों को वापस भारत (डिपोर्ट) भेजा है। सरकार के मुताबिक खाड़ी देशों में यह कार्रवाई अवैध रूप से सीमा पार करने के कारण नहीं बल्कि वहां के स्थानीय नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है।

आंकड़ों की जुबानी: सऊदी अरब बनाम अमेरिका

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 18 दिसंबर 2025 को संसद में बताया कि सऊदी अरब में इकामा (रेजीडेंसी परमिट) नियमों और सऊदीकरण (Saudisation) नीति की सख्ती के कारण डिपोर्टेशन की संख्या हजारों में है।

यह भी पढ़ें: Earthquake : इस देश में कांपी धरती, ताश के पत्तों की तरह हिलने लगीं गगनचुंबी इमारतें, डरावना मंजर Video में कैद

सऊदी अरब से डिपोर्ट किए गए भारतीय: | वर्ष | भारतीयों की संख्या | | :--- | :--- | | 2021 | 8,887 | | 2022 | 10,277 | | 2023 | 11,486 | | 2024 | 9,206 | | 2025 (अब तक) | 7,019 |

इसके विपरीत अमेरिका से डिपोर्ट होने वाले भारतीयों की संख्या काफी कम है। साल 2021 से 2023 तक यह आंकड़ा 1,000 से भी कम था हालांकि 2025 में यह बढ़कर 3,414 तक पहुंचा है जो फिर भी सऊदी अरब के मुकाबले आधा भी नहीं है।

PunjabKesari

डिपोर्टेशन के 4 मुख्य कारण

अधिकारियों के अनुसार खाड़ी देशों में भारतीयों पर कार्रवाई के पीछे ये सबसे बड़ी वजहें हैं:

  1. वीजा ओवरस्टे: वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी देश में रुकना।

  2. इकामा नियमों का उल्लंघन: रेजीडेंसी परमिट (Iqama) का समय पर नवीनीकरण न कराना या उसके नियमों को तोड़ना।

  3. बिना परमिट काम: जिस काम के लिए वीजा मिला है उसके अलावा कोई और काम करना या बिना वैध वर्क परमिट के नौकरी करना।

  4. सऊदीकरण नीति: स्थानीय नागरिकों को रोजगार देने के लिए चलाया जा रहा अभियान जिसके तहत विदेशी श्रमिकों की छंटनी की जाती है।

PunjabKesari

इमरजेंसी सर्टिफिकेट (EC) की भूमिका

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कई देश हिरासत का डेटा साझा नहीं करते। ऐसे में इमरजेंसी सर्टिफिकेट (EC) के आंकड़े सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं। यह सर्टिफिकेट उन भारतीयों को जारी किया जाता है जिनके पास वापस लौटने के लिए वैध पासपोर्ट नहीं होता या जो अपनी यात्रा के दस्तावेज खो चुके होते हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि खाड़ी देशों में समय-समय पर सामूहिक जांच अभियान (Mass Investigation Drives) चलाए जाते हैं, जिसके कारण एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को पकड़ा और डिपोर्ट किया जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News