आखिर क्या है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, नौकरी गंवा चुके युवाओं को कैसे मिलेगा इसका लाभ

punjabkesari.in Thursday, Nov 12, 2020 - 03:00 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू करने की घोषणा की। वित्त मंत्री सीतारमण ने आत्मनिर्भर पैकेज 3.0 की घोषणा करते हुये कहा कि पिछले वर्ष मार्च में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना शुरू की गयी थी और अब यह नयी योजना शुरू की गयी है। इसका लाभ उनको मिलेगा जिनकी नौकरी कोरोना काल में चली गयी है। जानें आखिर क्या है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना और युवाओं को कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ।

PunjabKesari
12 मई 2020 को योजना हुई थी शुरू
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना की घोषणा की है। ताकि 130 करोड़ लोगो आत्मनिर्भर हो और हम कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाएं। कोरोनो वायरस के कारण लागू हुए लॉकडाउन से देश के मजदूरों और किसान बहुत प्रभावित हुए है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया है। जो देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है। ये योजना भारत की आर्थिक व्यवस्था को सुचारु करने में महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा।

कोविड-19 के चलते छोटे उद्योगों, मजदुर, किसानो, श्रमिक को बहुत नुकसान झेलना पड़ा। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा चुने गए सभी लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिससे की सभी लोगो की मदद की जाये और आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना के अंतर्गत सभी प्राइवेट सेक्टर को भी मदद दी जाएगी। 

PunjabKesari
योजना 30 जून 2021 तक चलेगी- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज यहां आत्मनिर्भर पैकेज 3.0 की घोषणा करते हुये कहा कि पिछले वर्ष मार्च में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना शुरू की गयी थी और अब यह नयी योजना शुरू की गयी है। इसका लाभ उनको मिलेगा जिनकी नौकरी कोरोना काल में चली गयी है। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत लोगों को मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक चलेगी।

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की, जिसके तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत), इस तरह कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की भर्ती पर यह सब्सिडी मिलेगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई भर्ती करनी होगी। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

rajesh kumar

Recommended News

Related News