जाति जनगणना कैसे होती है और क्या-क्या सवाल पूछा जाता है?

punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 05:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की जनगणना एक अहम प्रक्रिया होती है जिसमें हर नागरिक की सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक जानकारी जुटाई जाती है। अब मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को भी हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब है कि इस बार देश की हर जाति का रिकॉर्ड भी आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाएगा। तो आखिर ये पूरी प्रक्रिया कैसे होती है, कौन लोग इसमें हिस्सा लेते हैं और आपसे कौन-कौन से सवाल पूछे जाते हैं?

क्या है जनगणना और क्यों होती है ये जरूरी?

जनगणना यानी देश की जनसंख्या की गिनती करना। ये हर 10 साल में होती है और इसका मकसद होता है देश के नागरिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का पूरा डेटा इकट्ठा करना। इसके आधार पर सरकार नीतियां बनाती है, योजनाएं लागू करती है और संसाधनों का सही वितरण करती है।

मोदी सरकार ने दी जातिगत जनगणना को मंजूरी

हाल ही में केंद्र सरकार ने CCPA (कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स) की बैठक में फैसला लिया है कि अगली जनगणना में जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। पहले 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे टालना पड़ा था। अब इसे दोबारा शुरू किया जाएगा और इस बार जाति के अलावा धर्म, वर्ग और समुदाय से जुड़ी जानकारी भी मांगी जाएगी।

जनगणना की प्रक्रिया: कैसे होती है हर नागरिक की गिनती

जनगणना की प्रक्रिया दो हिस्सों में होती है— हाउस लिस्टिंग और पॉपुलेशन सेंसस। इसके लिए सरकार प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति करती है जिन्हें एन्यूमेरेटर कहा जाता है।

  1. पहला चरण: हाउस लिस्टिंग (Housing Census)
    इसमें हर घर की स्थिति से जुड़ी जानकारी ली जाती है। जैसे:

    • घर पक्का है या कच्चा

    • बिजली और पानी की सुविधा है या नहीं

    • शौचालय की व्यवस्था

    • खाना पकाने की सुविधा

    • सम्पत्ति किसके नाम है

  2. दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (Population Census)
    इस चरण में हर घर के हर सदस्य से जुड़ी जानकारी जुटाई जाती है। जैसे:

    • नाम और लिंग

    • जन्म तिथि और वैवाहिक स्थिति

    • माता और पिता का नाम

    • शिक्षा स्तर

    • पेशा और नौकरी का स्थान

    • निवास का अस्थायी और स्थायी पता

    • परिवार के मुखिया से संबंध

    • किस जाति या समुदाय से ताल्लुक रखते हैं

29 अहम सवाल जो पूछे जाते हैं

जनगणना में कुल लगभग 29 मुख्य सवाल होते हैं। इनमें कुछ महत्वपूर्ण सवाल ये हैं:

  • क्या आप भारतीय नागरिक हैं?

  • आपका धर्म क्या है?

  • आपकी जाति या उपजाति क्या है?

  • आप किस राज्य और जिले से हैं?

  • आपका रोजगार स्थल आपके घर से कितनी दूर है?

  • क्या आपके पास बैंक खाता है?

डाटा कैसे होता है सुरक्षित और गोपनीय

जनगणना के दौरान जो भी जानकारी जुटाई जाती है उसे गोपनीय रखा जाता है। इसे किसी निजी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाता। सभी डाटा सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरते हैं और इन्हें नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) में दर्ज किया जाता है। यह प्रक्रिया जनगणना अधिनियम 1948 के तहत होती है जो केंद्र सरकार को जनगणना कराने का कानूनी अधिकार देता है।

क्या है जाति जनगणना का महत्व?

जातिगत जनगणना से देश में मौजूद जातियों की सटीक संख्या और सामाजिक स्थिति का पता चलेगा। इससे सरकार को यह जानने में मदद मिलेगी कि किन समुदायों को किस स्तर की सहायता या योजनाएं चाहिए। सामाजिक न्याय और समान विकास के लिए यह एक अहम कदम माना जा रहा है।

जनगणना का ऐतिहासिक सफर

भारत में पहली बार जनगणना 1872 में हुई थी लेकिन पहली संपूर्ण जनगणना 1881 में हुई। उसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही है। आजादी के बाद पहली जनगणना 1951 में हुई थी और फिर यह क्रम 1961, 1971, 1981, 1991, 2001 और 2011 तक चला। 2021 की जनगणना कोविड के कारण नहीं हो सकी।

सवालों की संख्या क्यों और कैसे बढ़ी?

2001 की जनगणना अपेक्षाकृत सरल थी जिसमें नाम, लिंग, उम्र और पता जैसे सवाल शामिल थे। लेकिन 2011 में इसमें रोजगार, शिक्षा, गांव का नाम और नौकरी का स्थान जैसे विस्तृत सवाल शामिल किए गए। अब 2025 की प्रस्तावित जनगणना में जाति, समुदाय और धर्म जैसे विषयों को भी जोड़ा जा रहा है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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