क्रिप्टोकरेंसी न तो Currency है और न ही किसी तरह की वित्तीय संपत्ति: Crypto Trading पर RBI का बड़ा बयान
punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 03:04 PM (IST)
नेशनल डेस्क: डिजिटल दौर की सबसे चर्चित संपत्ति मानी जाने वाली cryptocurrency पर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर बेहद सख्त और साफ संदेश दिया है। RBI के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने दो टूक कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी न तो असली मुद्रा है और न ही किसी तरह की वित्तीय संपत्ति। उनके शब्दों में, यह सिर्फ कंप्यूटर कोड का एक हिस्सा है, जिसकी कोई वास्तविक या आंतरिक कीमत नहीं होती।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए रबी शंकर ने कहा कि पैसे की जो बुनियादी पहचान होती है, क्रिप्टोकरेंसी उसमें कहीं भी फिट नहीं बैठती। न इसके पीछे किसी भरोसेमंद संस्था की गारंटी है, न किसी जारीकर्ता का वादा और न ही भुगतान की कोई सुनिश्चित व्यवस्था। इसकी कीमत पूरी तरह बाजार की अटकलों और लोगों की धारणा पर टिकी होती है।
क्या क्रिप्टो में करेंसी जैसी ताकत है?
RBI डिप्टी गवर्नर ने पारंपरिक मुद्रा और क्रिप्टो के फर्क को साफ शब्दों में समझाया। उन्होंने कहा कि सामान्य करेंसी या बैंक में जमा पैसा किसी विश्वसनीय संस्था के वादे पर आधारित होता है, जिसे कानून और व्यवस्था का समर्थन मिलता है। वहीं क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा कोई आधार नहीं है। उनका कहना था कि यह दावा करना कि क्रिप्टो पैसे की परिभाषा बदल देगा, भ्रामक है, क्योंकि इसमें मुद्रा के मूल गुण ही मौजूद नहीं हैं।
क्रिप्टो ट्रेडिंग जुए जैसी
रबी शंकर ने crypto trading की तुलना सीधे जुए से कर दी। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस आधार वाली cryptocurrency में निवेश गणितीय मॉडल और उम्मीदों पर दांव लगाने जैसा है। ट्रेडर्स किसी खबर, अफवाह या घटना के आधार पर केवल कीमतों के उतार-चढ़ाव पर पैसा लगाते हैं, न कि किसी असली मूल्य पर।
भारत में क्रिप्टो का क्या है दर्जा?
भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन इसे कानूनी मुद्रा का दर्जा भी नहीं मिला है। क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर भारी टैक्स लगाया जाता है और RBI लगातार इसके जोखिमों को लेकर चेतावनी देता रहा है।
इस बीच यह भी उल्लेखनीय है कि अगस्त 2025 में भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा और विनियमन अधिनियम, 2025 के तहत सभी रियल-मनी गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुका है। RBI का मानना है कि क्रिप्टो ट्रेडिंग और रियल-मनी गेमिंग, दोनों ही आम लोगों को बड़े वित्तीय जोखिम में डाल सकते हैं।
