भयानक अंधेरा..कीचड़ जैसी दीवार, Telangana Tunnel में बचाव कार्य 72 घंटे से जारी, फंसे हुए श्रमिकों से अभी तक कोई संपर्क नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 11:51 AM (IST)

नेशनल डेस्क। तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल में फंसे आठ मजदूरों को बचाने के लिए 72 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है लेकिन अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। बचाव दल को टनल के अंदर 40-50 मीटर की दूरी तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है और मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं अंधेरे, कीचड़ और भारी मलबे की वजह से बचाव कार्य बेहद मुश्किल हो गया है। भारतीय सेना, SDRF, NDRF और अन्य एजेंसियां पूरी ताकत से अभियान चला रही हैं लेकिन हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
 

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रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल टीमें:

  • रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, SDRF और NDRF के अलावा उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बचाने वाली रैट माइनर्स की टीम भी शामिल हो गई है। ये टीम बेहद संकरी जगहों में खुदाई करने में माहिर मानी जाती है।
  • मशीनरी का उपयोग: शनिवार को सुरंग की छत गिरने के कारण फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए 40 मीटर की अंतिम दूरी तय करने के लिए मशीनरी तैनात की जा रही है।

 

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मलबे और पानी के कारण मुश्किलें:

  • टनल में मलबा इतना ज्यादा है कि बचाव दलों को आगे बढ़ने में कठिनाई हो रही है। इसलिए एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे लगाए गए हैं ताकि अंदर की स्थिति का पता लगाया जा सके।
  • टनल में पानी और कीचड़ की अधिकता के कारण बचाव कार्य और भी कठिन हो गया है। बचाव दल टनल में ऑक्सीजन पंप कर रहा है ताकि मजदूरों को जीवित रखने की कोशिश की जा सके।

 

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मजदूरों की पहचान और परिवार:

  • फंसे हुए मजदूरों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार लेबर शामिल हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह, झारखंड के संदीप साहू, जेगटा एक्स, संतोष साहू और अनुज साहू शामिल हैं।
  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर प्रत्येक मजदूर के परिवार के एक सदस्य को तेलंगाना भेजा गया है।

 

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रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां और स्थिति:

  • पानी और कीचड़ की अधिकता के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। तेलंगाना सरकार के मंत्री जे. कृष्ण राव ने कहा कि मजदूरों के जीवित बचने की संभावना बहुत कम है। उनके अनुसार टनल के 9 मीटर डायमीटर में से 25 फीट तक कीचड़ भर चुका है।
  • जब रेस्क्यू टीम ने मजदूरों को आवाज लगाई तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली जिससे चिंता और बढ़ गई।

सरकार और अधिकारी की ओर से प्रयास:

  • नागरकुरनूल जिले के कलेक्टर बी. संतोष मौके पर बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं लेकिन मलबे की वजह से तेजी से आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है।
  • अगर मलबा हटाने में तेजी नहीं आई तो बचाव अभियान को दूसरी रणनीतियों से आगे बढ़ाया जाएगा।

 

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हादसे की वजह:

  • हादसे की वजह टनल के कमजोर हिस्से का अचानक ढह जाना माना जा रहा है। बचाव कार्य को तेज करने के लिए नई तकनीक और विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

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देशभर की नजरें:

  • इस बचाव अभियान पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं और सभी लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।

कुल मिलाकर इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 72 घंटे बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलने के कारण मजदूरों के परिवार बेहद चिंतित हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता की आशा कर रहे हैं।

 


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Content Editor

Rohini Oberoi

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