महाकुंभ में मची भगदड़ की असली वजह आई सामने, प्रत्यक्षदर्शी ने बताई वजह

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 04:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 में मंगलवार की रात एक भयानक भगदड़ की घटना हुई, जिसके कारण कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर एक बड़ा कारण 144 साल के पुण्य अवसर को माना जा रहा है। लोगों का मानना था कि इस बार मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान करने का जो अवसर मिल रहा है, वह एक अद्वितीय और ऐतिहासिक संयोग था। यही वजह थी कि श्रद्धालु रातभर संगम तट पर बैठे रहे, लेकिन बैरियर तोड़कर आई बेकाबू भीड़ ने उनके ऊपर चढ़ाई की, जिससे भगदड़ मच गई।

144 साल बाद आया था पुण्य स्नान का अवसर

प्रत्येक व्यक्ति इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। यह पुण्य अवसर 144 साल बाद आया था, इसलिए लाखों श्रद्धालु इस दिन के महत्व को समझते हुए संगम तट पर खुले आसमान के नीचे रातभर पड़े रहे।

बिहार बेगूसराय से आई एक बुजुर्ग महिला बदामा देवी ने बताया, "बेटा, इस जनम में ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा, इसीलिए हम इतनी दूर से गंगा मैया में स्नान के लिए आए।" इसी तरह, झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन ने भी यही कहा कि 144 साल बाद ऐसा पुण्य स्नान का अवसर मिला था, जिसे कोई भी श्रद्धालु गंवाना नहीं चाहता था।

बैरियर तोड़ते हुए आई बेकाबू भीड़

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब लोग संगम तट पर बैठकर पुण्य स्नान का इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक भगदड़ मच गई। लोगों ने अखाड़ों के स्नान के लिए बने बैरियर तोड़ दिए और उसी दौरान श्रद्धालु घाट पर लेटे हुए थे, जो बेकाबू भीड़ के कारण कुचल गए। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत छोटे लाउडस्पीकर के जरिए लगातार श्रद्धालुओं से निवेदन कर रहे थे कि "सभी श्रद्धालु ध्यान दें, यहां लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है। कृपया स्नान करके वापस जाएं, क्योंकि बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने का खतरा हो सकता है।" बावजूद इसके, लाखों श्रद्धालु शुभ संयोग का इंतजार करते रहे और यह भयावह घटना घटित हो गई।

प्रशासन की जिम्मेदारी

हालांकि, प्रशासन को पहले से अंदाजा था कि लोग मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करने के लिए डटे रहेंगे, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन को चाहिए था कि वह इस स्थिति को और बेहतर तरीके से संभालता और श्रद्धालुओं को घाट से हटाने का प्रयास करता। प्रशासन के प्रयासों के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई।

श्रद्धालुओं का आत्मविश्वास और प्रशासन की चूक

यह घटना महाकुंभ की व्यवस्था और प्रशासन की चूक को भी उजागर करती है। ऐसे ऐतिहासिक अवसरों पर अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का जुटना स्वाभाविक है, लेकिन प्रशासन को पहले से ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि किसी भी तरह की भगदड़ से बचने के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई जाए।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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