मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ने की ये है बड़ी वजह, Pew Research Report में हुआ खुलासा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 12:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अब दुनिया की कुल आबादी 800 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। Worldometers के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक जनसंख्या ईसाइयों और मुसलमानों की है, जिनकी संख्या 200 करोड़ से भी ज़्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह इन धर्मों में अधिक जन्मदर यानी हाई फर्टिलिटी रेट है, जिससे इनकी आबादी तेज़ी से बढ़ रही है।

मुसलमानों में सबसे ज़्यादा युवा आबादी

प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार 2010 में मुसलमानों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों का अनुपात 35% था, जो वैश्विक औसत से ज़्यादा है। इसके विपरीत, यहूदी और बौद्ध समुदायों में बुजुर्गों की संख्या ज़्यादा पाई गई, जिसकी वजह से उनकी जनसंख्या वृद्धि धीमी हो रही है।

क्या होता है कुल प्रजनन दर?

कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) उस औसत संख्या को कहते हैं, जितने बच्चे एक महिला अपने पूरे जीवन में जन्म देती है।
2010 से 2015 के बीच मुसलमानों की कुल प्रजनन दर 3.1 थी, जबकि ईसाइयों की 2.7 रही। इसके उलट, बौद्ध और धर्म से असंबद्ध लोगों की प्रजनन दर सिर्फ़ 1.6 और 1.7 रही। यानी मुस्लिम महिलाएं औसतन तीन से ज़्यादा बच्चे पैदा कर रही थीं।

दुनिया में मुस्लिम धर्म सबसे युवा

प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार वैश्विक मुस्लिम आबादी का करीब 33% हिस्सा 14 साल से कम उम्र का है, जो किसी भी दूसरे धर्म से अधिक है। यही वजह है कि मुसलमानों की आबादी में युवा वर्ग की संख्या बहुत बड़ी है।

अमेरिका में भी तेज़ी से बढ़ रहा मुस्लिम प्रवास

प्यू की 2010 की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में मुस्लिम प्रवास लगातार बढ़ रहा है। अनुमान है कि 2030 तक अमेरिका में मुसलमानों की संख्या 62 लाख हो जाएगी और 2050 तक ये बढ़कर 81 लाख तक पहुंच सकती है।

ईसाई और मुसलमान क्यों बढ़ रहे हैं?

ईसाई और मुस्लिम धर्मों में जन्मदर अधिक होने और युवा आबादी ज़्यादा होने के कारण इनकी जनसंख्या दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है। इसके विपरीत, बौद्ध और यहूदी धर्मों में बुजुर्गों की संख्या अधिक है और जन्मदर कम, इसलिए उनकी आबादी में वृद्धि धीमी है।

 


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Mehak

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