Bank license cancel: RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, ग्राहकों को बड़ा झटका, अकाउंट से नहीं निकाल पाएंगे पैसे...

punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 09:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के सतारा में स्थित जीजामाता महिला सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और आय सृजन की क्षमता न होने के कारण उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि यह बैंक पहले भी 2016 में अपना लाइसेंस खो चुका था, जिसे बाद में 2019 में पुनः बहाल किया गया था। हालांकि, बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार न होने से आरबीआई को यह सख्त फैसला लेना पड़ा।

बैंक के वित्तीय हालात का किया गया फोरेंसिक ऑडिट, लेकिन असहयोग ने बढ़ाई मुश्किलें
आरबीआई ने बैंक की वित्तीय स्थिति का निरीक्षण करने के लिए 2013-14 वित्त वर्ष के लिए फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया था, लेकिन बैंक के पक्ष से सहयोग न मिलने के कारण यह ऑडिट पूरा नहीं हो सका। रिजर्व बैंक ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बैंक की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिससे यह फैसला लेना आवश्यक हो गया।

तत्काल प्रभाव से बंद हुआ बैंकिंग कारोबार, अब जमा राशि जमा या निकासी संभव नहीं
लाइसेंस रद्द होते ही जीजामाता महिला सहकारी बैंक को तुरंत बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया गया है। अब यह बैंक न तो नए जमाओं को स्वीकार कर सकेगा और न ही ग्राहकों को उनके जमा की निकासी की अनुमति देगा। महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के पंजीयक से बैंक को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं और इसके लिए परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है।

जमाकर्ताओं को मिलेगा अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा दावा
बैंक के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू होने पर, हर जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि पर अधिकतम 5 लाख रुपये तक का भुगतान प्राप्त कर सकेगा। आरबीआई के अनुसार, सितंबर 2024 तक बैंक के कुल जमा का 94.41% बीमा कवरेज के अंतर्गत था। हालांकि, बैंक की मौजूदा वित्तीय कमजोरी के चलते सभी जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करना संभव नहीं होगा।

RBI का तर्क: बैंक का संचालन जारी रखने से जनहित को होगा नुकसान
भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि अगर बैंक को बैंकिंग सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी जाती, तो इससे व्यापक स्तर पर जनहित को नुकसान पहुंच सकता था। यही कारण है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने का निर्णय लिया गया, ताकि भविष्य में वित्तीय अनियमितताओं से बचा जा सके। यह कदम भारत की वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए लिया गया एक जरूरी उपाय है। बैंक के परिसमापन और जमाकर्ताओं के भुगतान के लिए आगे की प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित की जाएगी।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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