''लोगों में काम वासना की आग लगी हुई है'', सत्संग में बोला राम रहीम

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 01:33 AM (IST)

नेशनल डेस्कः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जो सजा काट रहे हैं—बलात्कार और हत्या के आरोपों में—उन्हें 40 दिनों की पैरोल मिली है। यह उनकी जेल से बाहर निकलने की 14वीं बार है और इस वर्ष तीसरी बार है कि वे जेल से बाहर आए हैं। उन्हें 15 अगस्त को जन्मदिन मनाने की अनुमति संबंधी कहा जा रहा है। इस आधार पर यह मार्च 2025 से अब तक सबसे व्यापक पैरोल अनुमतियों में से एक है। 2025 में अब तक उन्होंने 216 दिनों में से 91 दिन जेल से बाहर बिताए—लगभग तीन दिन प्रति सप्ताह जेल से बाहर रहने वाले एकमात्र व्यक्ति बने।

सत्संग में गुरमीत की बातें और लोकप्रियता

Punjabi भजन का प्रदर्शन:
जेल से पैरोल पर सड़े सरसा पहुंचे गुरमीत सिंह ने दूसरे दिन दो घंटे तक सत्संग किया, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से पंजाबी में भजन गाया—“मैं कल्ली नहीं कहंदी, गल दुनियां कहंदी ऐ, नूर तेरे ते दिनों‑दिन लाली छाई रहंदी ऐ”—जिस पर पंडाल में मौजूद भक्त झूम उठे।

काम वासना पर टिप्पणी:
एक प्रेमी के सवाल पर यदि जीवन साथी का एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर हो, तो उन्होंने कहा कि वर्तमान समाज में “लोगों में काम वासना की आग लगी हुई है।” उन्होंने सुझाव दिया: परिवार को जोड़ो, उसे दो मौके दो। संत या फकीर के पास ले जाकर, उन्हें प्रभावित किया जाए ताकि वे सही पथ पर लौट सकें।

‘आत्मा या गुरु की पहचान’ पर दृष्टिकोण:
जब एक प्रेमी ने पूछा कि क्या हर आत्मा का विशेष मकसद होता है और उसे कैसे पहचानें—तो उन्होंने उत्तर दिया, “आप आत्मा को ना पहचानो, गुरु को पहचानो। गुरु कभी अपने दुख को रुटीन में नहीं बताते। गुरु एक ही होता है, जिसे बनाया नहीं, बल्कि जन्म से ‘पैदा’ किया जाता है।”

‘सरप्राइज’ पर गुरु का दावा:
एक प्रेमी ने सवाल किया कि क्या परमात्मा ने उन्हें कभी आश्चर्यचकित किया। गुरमीत ने उत्तर दिया कि वह जन्म से ही सरप्राइज देते चल रहे हैं। जैसे “एक ने अंगुली मारी और तीन बन गए”—यह एक बड़ा सरप्राइज था साध संगत (भक्तों) के लिए।


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Content Writer

Pardeep

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