“कौन जाने, सिंध फिर भारत का हिस्सा बन जाए”, राजनाथ सिंह का बड़ा बयान
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 08:34 PM (IST)
नेशनल डेस्क : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भले ही आज सिंध की जमीन भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता और संस्कृति की दृष्टि से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीमाएँ बदल सकती हैं और कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत का हिस्सा बन जाए।
दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व सिंधी हिंदू फाउंडेशन ऑफ एसोसिएशन (VSHFA) द्वारा आयोजित ‘सशक्त समाज-समर्थ भारत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “आज सिंध की जमीन भारत का हिस्सा भले न हो, लेकिन सभ्यता की दृष्टि से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। और जहाँ तक जमीन का सवाल है, सीमाएँ बदलती रही हैं। कौन जाने, कल को सिंध फिर से भारत में आ जाए।”
#WATCH | Delhi: Defence Minister Rajnath Singh says, "...Today, the land of Sindh may not be a part of India, but civilisationally, Sindh will always be a part of India. And as far as land is concerned, borders can change. Who knows, tomorrow Sindh may return to India again..."… pic.twitter.com/9Wp1zorTMt
— ANI (@ANI) November 23, 2025
आडवाणी की किताब का जिक्र करते हुए बोले राजनाथ
रक्षा मंत्री ने पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “आडवाणी जी ने अपनी किताब में लिखा है कि उनकी पीढ़ी के सिंधी हिंदू आज तक सिंध के भारत से अलग होने को मन से स्वीकार नहीं कर पाए हैं। सिर्फ सिंधी हिंदू ही नहीं, पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि सिंध के कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु नदी का जल मक्का के आब-ए-जमजम से कम पवित्र नहीं है।”
‘सिंधी समुदाय ने भारत में शून्य से शुरुआत की’
राजनाथ सिंह ने सिंधी समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहा कि 1947 के विभाजन के बाद भारत आए सिंधियों ने शून्य से शुरुआत की और मेहनत व लगन से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। “भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सिंधी समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है। आज विश्व में जहाँ भी सिंधी बसे हैं, सामाजिक निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।”
विभाजन के बाद सिंधी समाज ने भारत में शून्य से शुरुआत की, लेकिन अपने परिश्रम और साहस से सफलता के नए आयाम स्थापित किए। आज भारत ही नहीं, दुनिया भर में सिंधी समुदाय समाज निर्माण के विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इतिहास गवाह है कि भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने… pic.twitter.com/0KuVryxy8d
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 23, 2025
भाजपा हमेशा सिंधियों के साथ: राजनाथ
रक्षा मंत्राी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से सिंधी समुदाय के अधिकारों के लिए खड़ी रही है। उन्होंने याद दिलाया कि 1957 में तत्कालीन सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पहला गैर-सरकारी विधेयक पेश किया था। “अटल जी ने कहा था कि सिंधी भाषा में भारत की आत्मा बोलती है।” कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए सिंधी समुदाय के लोग मौजूद रहे। राजनाथ सिंह के बयान को लेकर सिंधी समाज में उत्साह देखा गया वहीं सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा जोरों पर है।
