कल भारत बंद: कहां कितना होगा असर? जानें स्कूल-कॉलेज और बैंक-बाजार समेत क्या-क्या नहीं खुलेंगे
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 09:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुधवार, 9 जुलाई 2025 को भारत बंद और राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल में देशभर के 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और मजदूर शामिल हो सकते हैं। यूनियनों के मुताबिक, यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा लेकिन इसका असर बैंकिंग, डाक, परिवहन, बीमा, कोयला खनन सहित कई प्रमुख सेवाओं पर पड़ेगा।
क्यों हो रही है हड़ताल?
संयुक्त ट्रेड यूनियनों के मंच ने आरोप लगाया है कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने एक बार भी वार्षिक श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं किया, और लगातार ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो श्रमिकों और मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं।
किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?
बैंकिंग सेक्टर: बैंक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। हालांकि RBI की ओर से कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है, लेकिन बैंकिंग सेवाएं बाधित होने की संभावना है।
राज्य परिवहन सेवाएं: देशभर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी बस सेवाएं बाधित हो सकती हैं। कई राज्यों में बस और ऑटो चालकों के शामिल होने से यातायात में दिक्कत आ सकती है।
डाक सेवाएं: भारतीय डाक विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल में हिस्सा ले सकते हैं, जिससे डाक और जरूरी दस्तावेजों की डिलीवरी में देरी हो सकती है।
कोयला खनन और फैक्ट्रियां: कोयला और अन्य खनन से जुड़ी फैक्ट्रियों के मजदूर भी हड़ताल का हिस्सा होंगे। इससे उद्योगों में ईंधन की सप्लाई और उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
शिक्षा संस्थान और निजी दफ्तर: हड़ताल का असर स्कूल-कॉलेजों और बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। खासतौर पर परिवहन सेवाएं प्रभावित होने से छात्रों को आने-जाने में दिक्कत हो सकती है। हालांकि निजी कार्यालयों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
पटना में राहुल गांधी करेंगे विरोध मार्च
कांग्रेस और INDIA गठबंधन ने हड़ताल को समर्थन देने का ऐलान किया है। बिहार कांग्रेस के मुताबिक, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 9 जुलाई को पटना में विरोध मार्च में शामिल होंगे। यह मार्च सुबह 9:30 बजे इनकम टैक्स गोलंबर से शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक जाएगा। मार्च में राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी नेता भी शामिल होंगे।
भारतीय मजदूर संघ हड़ताल से अलग
इस हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ (BMS) शामिल नहीं होगा। संघ के महासचिव रविंद्र हिमते ने कहा कि यह हड़ताल राजनीतिक प्रेरणा से की जा रही है और इसका कोई औद्योगिक या श्रमिक हित से संबंध नहीं है। उन्होंने सभी यूनियनों से अपील की कि वे इस हड़ताल से दूर रहें।