शारीरिक संबंध बनाने के बाद शादी से मुकरना पड़ सकता है भारी, क्या बॉयफ्रेंड को हो सकती है जेल? जानिए क्या कहता है कानून

punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 11:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल पर एक गंभीर आरोप लगा है जिसने क्रिकेट जगत में हड़कंप मचा दिया है। उनकी एक साथी ने यश दयाल पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि वह पिछले पाँच साल से यश दयाल के साथ रिश्ते में थी। हालांकि इस मामले पर यश दयाल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक सफाई नहीं आई है। ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि शादी के झूठे वादे के मामलों में भारतीय कानून क्या कहता है और ऐसे मामलों में क्या सज़ा और कानूनी प्रक्रिया होती है।

शादी के झूठे वादे पर क्या है कानून?

अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जहाँ एक लड़का, लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए पहले शादी का वादा करता है और एक बार जब उसका मकसद पूरा हो जाता है तो वह अपनी बात से मुकर जाता है। इस तरह के काम कानून की नज़र में गंभीर अपराध माने जाते हैं। यह मामला धोखाधड़ी या कुछ परिस्थितियों में बलात्कार के तहत भी आ सकता है।

भारतीय न्याय संहिता में इस तरह के मामलों को विस्तार से परिभाषित किया गया है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 के तहत ऐसे केस में सज़ा का प्रावधान किया गया है।

 

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BNS की धारा 69: सज़ा का प्रावधान

बीएनएस की धारा 69 के अनुसार यदि शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाने का मामला सही साबित होता है तो दोषी पर जेल और जुर्माना दोनों दर्ज हो सकते हैं। इसमें मामला सिद्ध होने पर 10 साल तक की सज़ा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। कोर्ट मामले की गंभीरता के आधार पर सज़ा और जुर्माना दोनों एक साथ भी दे सकता है।

 

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सिर्फ शादी ही नहीं, अन्य झूठे वादे भी अपराध

बीएनएस की धारा 69 में सिर्फ शादी के मामले में ही नहीं बल्कि कई अन्य स्थितियों में भी महिलाओं के साथ झूठे वादे करके शारीरिक संबंध बनाने को अपराध माना गया है। यदि कोई व्यक्ति नौकरी का झूठा वादा करके, प्रमोशन का झूठा वादा करके या अपनी असली पहचान छुपा कर किसी महिला से शारीरिक संबंध बनाता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है।

हालांकि यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इन सभी मामलों में कोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद ही सज़ा हो सकती है। यदि कोर्ट में आपके खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं होते तो आपको सज़ा नहीं होगी। यह मामला अब जाँच के दायरे में है और आगे की कानूनी प्रक्रिया का इंतज़ार है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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