Health Alert: हो जाएं सावधान! रोजाना खाने वाली ये फूड्स खा रही हैं आपकी जान, जानिए कैसे बचें
punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 02:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज की जिंदगी में तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खराब खानपान हमारी सेहत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। खासतौर पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स यानी ऐसे फूड जिनमें केमिकल्स, ज्यादा शुगर, ट्रांस फैट और प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं, का सेवन लगातार बढ़ता जा रहा है। यह फूड स्वादिष्ट और जल्दी मिलने वाला होता है लेकिन इसके गंभीर नुकसान भी हैं। हाल में एक शोध ने यह बात साफ कर दी है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की थोड़ी मात्रा भी सेहत पर भारी पड़ सकती है। यानी जो लोग सोचते हैं कि "थोड़ा-थोड़ा खाने से कोई नुकसान नहीं," वे पूरी तरह गलत हैं।
क्या है अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड?
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में शामिल हैं:
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प्रोसेस्ड मीट (जैसे सॉसेज, बेकन, हॉटडॉग)
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चीनी से भरपूर पेय पदार्थ (कोल्ड ड्रिंक, जूस, फ्लेवर्ड सोडा)
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ट्रांस फैटी एसिड वाले स्नैक्स और बेक्ड आइटम्स
इन खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए इन पर कई तरह के केमिकल और प्रिज़र्वेटिव्स लगाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
नए शोध की मुख्य बातें
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन किया है, जिसे 'नेचर मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में बताया गया है कि प्रोसेस्ड मीट का रोजाना 0.6 ग्राम से 57 ग्राम तक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा लगभग 11 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वहीं, रोजाना 0.78 ग्राम से 55 ग्राम तक प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा लगभग 7 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति दिन में 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाता है तो उसे इस्केमिक हृदय रोग (आईएचडी) का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। शुगर युक्त पेय पदार्थों का रोजाना 1.5 ग्राम से 390 ग्राम तक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 8 प्रतिशत और हृदय रोग का खतरा 2 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ये आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि चाहे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की मात्रा कितनी भी कम हो, इनके सेवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव बहुत जल्दी पड़ सकता है।
क्यों होते हैं ये खाद्य पदार्थ नुकसानदेह?
प्रोसेस्ड मीट को बनाने और सुरक्षित रखने के लिए स्मोकिंग, क्यूरिंग या केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें एन-नाइट्रोसो एजेंट, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन और हेटेरोसाइक्लिक एमाइन जैसे कैंसरकारक तत्व पाए जाते हैं। ये पदार्थ शरीर में ट्यूमर यानी गांठ बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, शुगर युक्त पेय पदार्थ और ट्रांस फैट शरीर में सूजन बढ़ाते हैं, इंसुलिन की संवेदनशीलता को कम करते हैं जिससे डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है। ट्रांस फैट्स हृदय रोग, मोटापा और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे कई शोध
इस नए अध्ययन से पहले भी कई शोधों ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन को गंभीर और पुरानी बीमारियों से जोड़कर चेतावनी दी है। 2021 में हुए अनुमानों के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 3 लाख मौतें केवल प्रोसेस्ड मीट के सेवन की वजह से हुईं। इसके अलावा, शुगर युक्त ड्रिंक्स और ट्रांस फैट की अधिक मात्रा ने लाखों लोगों को शारीरिक अक्षमता की ओर भी धकेला है। इसीलिए विशेषज्ञों की हमेशा यह सलाह रही है कि इन हानिकारक खाद्य पदार्थों का सेवन यथासंभव कम करना चाहिए ताकि गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सके।
क्या करें और क्या बचें?
स्वस्थ जीवनशैली के लिए सबसे जरूरी है:
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प्रोसेस्ड मीट और शुगर वाले ड्रिंक्स से बचाव करें।
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ताजा फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर प्राकृतिक आहार अपनाएं।
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घर पर बने खाने को प्राथमिकता दें ताकि पता रहे कि आप क्या खा रहे हैं।
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पैकेज्ड फूड खरीदते समय लेबल अच्छे से पढ़ें और ट्रांस फैट तथा शुगर की मात्रा कम होने पर ही खरीदें।
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नियमित व्यायाम करें और शरीर को सक्रिय रखें।