प्रज्ञा ठाकुर की हिंदुओं को सलाह- अपने घरों में धारदार चाकू रखें...
punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 04:32 PM (IST)

शिवमोगा: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता एवं सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ‘‘हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या'' की घटनाओं के मद्देनजर कहा है कि हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद ठाकुर ने एक विवादास्पद बयान देते हुए समुदाय के सदस्यों से ‘‘अपने घरों में चाकुओं को धारदार'' रखने को कहा, क्योंकि ‘‘सभी को अपनी रक्षा करने का अधिकार'' है। ठाकुर ने कहा कि ‘लव जिहाद', उनकी जिहाद की परंपरा है। यदि कुछ नहीं है, तो वे ‘लव जिहाद' करते हैं। यदि वे प्रेम भी करते हैं तो उसमें भी जिहाद करते हैं। हम (हिंदू) भी प्रेम करते हैं, हम भगवान से प्रेम करते हैं, संन्यासी अपने प्रभु से प्रेम करता है।
उन्होंने रविवार को यहां ‘हिंदू जागरण वेदिका' के दक्षिण क्षेत्र के वार्षिक समारोह में कहा कि संन्यासी कहते हैं कि ईश्वर द्वारा बनाई गई इस दुनिया में सभी अत्याचारियों और पापियों का अंत करो, अन्यथा प्रेम की सच्ची परिभाषा यहां नहीं बचेगी। तो लव जिहाद में शामिल लोगों को उसी तरह जवाब दो। अपनी बेटियों की रक्षा करो, उन्हें सही मूल्य सिखाओ। उन्होंने शिवमोगा के हर्ष समेत हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए लोगों से कहा कि वे आत्मरक्षा के लिए ‘‘अपने घरों में धारदार चाकू'' रखें।
ठाकुर ने कहा कि अपने घरों में हथियार रखें। यदि और कुछ नहीं है, तो कम से कम उन चाकुओं की ही धार तेज रखें, जिनका इस्तेमाल सब्जियां काटने के लिए किया जाता है... मैं नहीं जानती कि कौन सी स्थिति कब पैदा होगी... हर किसी को आत्मरक्षा का अधिकार है। यदि कोई हमारे घर में घुसकर हम पर हमला करता है, तो उचित जवाब देना हमारा अधिकार है। उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों को मिशनरी संस्थानों में नहीं पढ़ाने की सलाह दी और कहा, ‘‘ऐसा करके आप अपने लिए वृद्धाश्रमों के द्वार ही खोलेंगे।
बात #Hindus होने की हो रही हो तो मेरी नजर में एक सच्चा धर्म प्रचारक हिन्दू वही होगा जो धर्मों के बीच, भेदभाव न करता हो और इस बटवारे से समाज को ऊपर रखकर अपने धर्म को प्रमोट करता हो।
— Atul Malikram (@amg24x7) December 26, 2022
उसे पता होगा कि सभी धर्मों का सार एक ही है, धर्म प्रेम सिखाता है, हथियार उठाना नहीं।
ठाकुर ने कहा कि ऐसा करके (मिशनरी संस्थानों में बच्चों को पढ़ाकर) बच्चे आपके एवं आपकी संस्कृति के नहीं रहेंगे। वे वृद्धाश्रमों की संस्कृति में पले-बढ़ेंगे और स्वार्थी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि अपने घर में पूजा कीजिए, अपने धर्म और शास्त्रों के बारे में पढ़िए और अपने बच्चों को इनके बारे में बताइए, ताकि बच्चे हमारी संस्कृति एवं मूल्यों को जान सकें।