झारखंड में बड़ी कार्रवाई: घरों से मिले पिस्तौल, कारतूस और आतंकी संगठन के गुप्त राज, 4 गिरफ्तार

punjabkesari.in Saturday, Apr 26, 2025 - 08:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: झारखंड एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए धनबाद जिले से 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। ये सभी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों- हिज्ब-उत-तहरीर (हुत), अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) और आईएसआईएस से कथित रूप से जुड़े हुए थे। एटीएस को इनकी संदिग्ध गतिविधियों की गोपनीय सूचना मिली थी जिसके बाद वासेपुर, बैंक मोड़ और भूली इलाकों में एक साथ छापेमारी कर इन्हें पकड़ा गया।

सोशल मीडिया से फैला रहे थे कट्टरपंथी सोच

एटीएस के मुताबिक, पकड़े गए संदिग्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए स्थानीय युवाओं को गुमराह कर रहे थे। ये धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे थे और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल थे। खुफिया सूत्रों से पता चला कि ये प्रतिबंधित संगठनों के लिए युवाओं को हिंसक जिहाद के लिए तैयार कर रहे थे।

किन इलाकों से हुए गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम और पते इस प्रकार हैं:

  • गुलफाम हसन (21 वर्ष), अलीनगर, बैंक मोड़

  • अयान जावेद (21 वर्ष), अमन सोसाइटी, भूली

  • मोहम्मद शहजाद आलम (20 वर्ष), अमन सोसाइटी, भूली बाईपास के पास

  • शबनम प्रवीण (20 वर्ष), शमशेर नगर, भूली

इन सभी को कड़ी निगरानी के बाद एक सुनियोजित अभियान में पकड़ा गया।

हथियार और आतंकी साहित्य भी बरामद

छापेमारी के दौरान एटीएस को इनके कब्जे से दो पिस्तौल, 12 जिंदा कारतूस, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ी बड़ी संख्या में दस्तावेज और किताबें मिलीं। इससे इनके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि होती है।

डार्क वेब से जोड़ रहे थे आतंकी नेटवर्क

जांच में सामने आया है कि ये संदिग्ध अवैध हथियारों के सौदागर भी थे और डार्क वेब के जरिए अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संपर्क साध रहे थे। वे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर चरमपंथी विचारधारा फैला रहे थे ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपनी तरफ खींच सकें। 
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले साल हिज्ब-उत-तहरीर (हुत) पर प्रतिबंध लगाया था। झारखंड एटीएस द्वारा दर्ज यह एफआईआर भारत में हुत से संबंधित पहला आपराधिक मामला है। हुत एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन है जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी। इसे युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने और कट्टरपंथी बनाने का जिम्मेदार माना जाता है।

भारी सुरक्षा के बीच हुई कार्रवाई

यह पूरी कार्रवाई पुलिस उपाधीक्षक (कानून और व्यवस्था) नौशाद आलम के नेतृत्व में भारी सुरक्षा बल के साथ अंजाम दी गई। वरिष्ठ अधिकारी खुद अभियान की निगरानी कर रहे थे ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद देशभर में हाई अलर्ट है। ऐसे माहौल में धनबाद से इन संदिग्धों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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