देश में 7% मौतों का कारण बना प्रदूषण, दिल्ली सबसे ज़्यादा प्रभावित

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2024 - 02:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के 10 शहरों में हर साल 33 हजार लोगों की पीएम 2.5  का स्तर अधिक होने से जान जा रही है। ये साल में होने वाली कुल मौतों का 7.2% है। ये शहर नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकता, वाराणसी और शिमला है। लैंसेट मे प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक सबसे अधिक 11.5% मौतें नई में सबसे दिल्ली में होती है। सबसे कम मुत्यु दर अधिकांश समय पीएम 2.5 का स्तर WHO की निर्धारित सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से अधिक रहता है। शहरों का एक साथ आकलन करने पर पीएम 2.5 में हर 10 माइक्रोग्राम/घन मीटर की वृद्धि से मृत्यु दर में 1.42% की वृद्धि पाई गई। अध्ययन के लिए 2008 से 2019 तक शहरों में हुई 36 लाख मौतों की जांच की गई।

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सर्दी ही नहीं अब गर्मी में भी पीएम 2.5 बढ़ने से खतरा

एम्स, नई दिल्ली में एडिशनल प्रोफेसर डा. हर्षल साल्वे बताते हैं कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का उच्च स्तर सांस संबंधी समस्याएं, अस्थमा अटैक और हृदय व रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है। आमतौर पर सर्दी के महीनों में खासकर बच्चों और बुजुर्गों में इन समस्याओं के बढ़ने का अधिक जोखिम रहता है। लेकिन अब गर्मी में भी पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने से खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार न केवल सर्दी के महीनों में ही वायु प्रदूषण को कम करने की तैयारी करें। बल्कि, पूरे साल के लिए नीति बनाएं। नीति बनाते समय वायु प्रदूषण के साथ जलवायु और स्वास्थ्य संबंधी लाभ पर भी विचार किया जाए।


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News Editor

Radhika

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