जम्मू में गरजेे आरएसएस के इन्द्रेश कुमार, पीओजेके भारत का था और फिर से वह भारत में होगा
punjabkesari.in Saturday, Nov 05, 2022 - 08:17 PM (IST)

जम्मू (हि.स.): पीओजेके (पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर) भारत का था और फिर से भारत में होगा इसके लिए क्या कदम उठेंगे कैसे कदम उठेंगे वो तो भविष्य में अपने आप ही सामने आता रहेगा परन्तु दवा से दुआओं में ताकत ज्यादा होती है इसलिए मैं जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक सहित भारतवर्ष की जनता से अपील करता हूं कि वह हर रोज भगवान से प्रार्थना करे कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए जरूरी है कि पीओजे भारत का था और फिर से भारत का हो। हर आदमी चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, महजब, पंथ या फिर राजनीतिक दल से हो हर रोज भगवान से, अल्लाह से, प्रभु से वाहेगुरु से प्रार्थना करे कि कैलाश मान सरोवर पुनः भारत में हो और पीओजेके भारत का था और फिर से भारत में हो मैं सभी से इसका निवेदन और आहवान करता हूं।
यह बातें भारत तिब्बत सहयोग मंच के मार्गदर्शन व राष्टृीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मा. इन्द्रेश कुमार ने जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्टृीय महामंत्री पंकज गोयल भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि चीन की जो लगातार हिमालय के अक्रांता की स्थिति है उसका भारत डटकर मुकावला करने में सक्षम है। वैसे तो चीन इस समय अपने मुश्किल हालात से गुजर रहा है, उसने जो दो तीन हमले मानव जाति पर किए जिनमें पहला हमला था सस्ती व बिना टिकाउ वस्तओं की मार्केट तैयार कर दुनिया की मार्केट पर कब्जा करने की कोशिश जिसका परिणाम यह हुआ कि चीन दिवालीय हो गया। दूसरा तिब्बत हड़पने के बाद भारतीय हिमालय को हड़पना, दुनिया पर कहीं न कहीं ठेडी नजर रखना। चीन साम्राज्यवाद का विस्तारवाद है और लगभग विश्व की सभी मानवीय ताकतें इसका विरोध कर रहीे हैं। तीसरा उसने कोविड नाम का वायरस बनाया जिसने भारत सहित दुनिया के ८० लाख लोगों की जान ले ली और टारगेट तो उसका बहुत बड़ा था परन्तु उसको रास्ते में मानवजाति का रक्षक बनकर भारत खड़ा मिला। कोविट के इस हाहाकार को मिटाने में यहां एक ओर विश्व के सब देश लगभग असफल रहे वहीं भारत ने इसके खिलाफ पहला कदम आर्युवेद, युनानी, प्राणयाम और योग के रूप में उठाया जिससे विश्व को लगा की अब बच सकेंगे। दूसरा लॉक डाउन कार्यक्रम के साथ हौंसला और उम्मीद दी और अंत में कैक्सीन बनाई। ७३ देशों को बुलाकर अपनी बैक्सीन बताई और बैस्ट बैक्सीन साबित होने पर उसे विश्व के देशों को निशुल्क दिया। इस मामले में भी भारत ने मानवजाति का अदभुत उदाहरण पेश किया। इसलिए चीनी विस्तारवाद का भारत उसके सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है।
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की पुरानी सरकारों ने जब यहां लोग मर रहे थे, उजड़ रहे थे तो उन्हें उजडने से रोकने के लिए क्या कदम उठाये। युवाओं को पत्थरवाज बनने से रोकने के लिए क्या काम किया। बल्कि अलगाव के नाम पर राजनीतिक रोटीया सेंकी और आज वो कौन से पुर्नवास की बात कर रहे हैं और उन्होंने कौन सा हक खोया है। हक तो इन्होंने जरूरत से ज्यादा प्राप्त किया और कश्मीर को कैंसर बनाकर रख दिया इसके लिए उन्हें न तो जनता माफ कर रही है और न ही उपर वाला। आज जम्मू-कश्मीर शांति और विकास की ओर पूरी ताकत से बढ़ चुका है और वह दिन दूर नहीं है जब यहां आतंक के पूरी तरह खात्मे के साथ ही स्थायी शांति बहाल होगी। कश्मीर घाटी में हिन्दुओं की टारगेट किलिंग पर उन्होंने कहा कि जान भी बचेगी, नौकरी भी बचेगी और पुुर्नवास भी होगा।