भारत-पाक तनाव के बीच अलर्ट मोड पर देश, 244 जिलों में कल होगा बड़ा मॉक ड्रिल ऑपरेशन

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 02:09 PM (IST)

नेशलन डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के आदेश दिए हैं। इस अभ्यास का मकसद लोगों को किसी भी आकस्मिक हवाई हमले या आतंकी हमले की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद देश में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। ऐसे समय में सरकार किसी भी अप्रत्याशित हमले से निपटने के लिए मॉक ड्रिल के जरिए आम नागरिकों और सरकारी एजेंसियों की तैयारी परखना चाहती है।

किन जिलों में होगा अभ्यास?

इस राष्ट्रीय मॉक ड्रिल का आयोजन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, लद्दाख, उत्तराखंड जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 244 जिलों में किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर:

उत्तर प्रदेश के 17 जिले:

बुलंदशहर, आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, चंदौली, बागपत, मुजफ्फरनगर

पश्चिम बंगाल के 17 जिले:

कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, मालदा, पश्चिम बर्धमान, पूर्ब मेदिनीपुर, अलीपुरद्वार, पश्चिम मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद, दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, कलिम्पोंग, कोलकाता, बर्धमान, बीरभूम, हावड़ा, हुगली

लद्दाख (2 जिले): लेह और कारगिल

उत्तराखंड (1 जिला): देहरादून

मॉक ड्रिल के दौरान क्या होगा?

इस मॉक ड्रिल में नागरिकों को यह सिखाया जाएगा कि यदि अचानक हवाई हमला हो जाए या आतंकी हमला हो, तो उन्हें खुद को कैसे सुरक्षित रखना है। इसमें शामिल रहेंगे:

  • हवाई हमले की चेतावनी सायरनों का अभ्यास

  • बंकरों और खाइयों की सफाई और उपयोग

  • स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को बचाव का प्रशिक्षण

  • क्रैश ब्लैकआउट (बिजली बंद) की प्रक्रिया लागू करना

  • महत्वपूर्ण इमारतों पर छलावरण (camouflage) की व्यवस्था

  • निकासी (evacuation) योजना का परीक्षण

  • आग बुझाने, बचाव कार्य और डिपो प्रबंधन की पुष्टि

  • भारतीय वायुसेना के साथ रेडियो और हॉटलाइन संचार की जांच

  • कंट्रोल रूम और इमरजेंसी शैडो रूम की प्रभावशीलता देखना

सरकार का उद्देश्य क्या है?

गृह मंत्रालय का कहना है कि देश को "नए और जटिल खतरों" के लिए तैयार रहना होगा। चाहे वह बाहरी हमला हो या आतंकी गतिविधि, यह मॉक ड्रिल सरकारी एजेंसियों और आम लोगों दोनों की तत्परता और जिम्मेदारी को परखने का एक व्यावहारिक तरीका है।

सोशल मीडिया और अलर्ट

इस ड्रिल के दौरान कई जगहों पर सायरन, सुरक्षा बलों की आवाजाही और बिजली बंद की स्थिति भी देखी जा सकती है, जिससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार और स्थानीय प्रशासन सोशल मीडिया के जरिए जागरूकता फैला रहे हैं ताकि लोग समय से तैयारी कर सकें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News