'मन की बात' में PM मोदी ने शहीद उधम सिंह के बलिदान को किया नमन
punjabkesari.in Sunday, Jul 31, 2022 - 11:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत शहीद उधम सिंह जी की शहादत को नमन करते की। पीएम मोदी ने कहा कि 31 जुलाई यानी आज ही के दिन, हम सभी देशवासी, शहीद उधम सिंह जी की शहादत को नमन करते हैं।
मैं ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। वो दिन, जब हम, हर दिन, लाखों-लाख देशवासियों को आज़ादी के लिए लड़ते, जूझते, बलिदान देते देख रहे होते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार ‘मन की बात’ बहुत खास है, इसका कारण है, इस बार का स्वतंत्रता दिवस, जब भारत अपनी आज़ादी के 75 साल पूरे करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने ये हमें बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है।
मन की बात के highlights
- "अब से कुछ हफ्ते पहले, कर्नाटका में, अमृता भारती कन्नडार्थी नाम का एक अनूठा अभियान भी चलाया गया | इसमें राज्य की 75 जगहों पर आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े बड़े भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गए |"
- "देश में अनेक ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो, स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े हैं | आप भी, इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकार हैरान होंगे |" इसी जुलाई में एक बहुत ही रोचक प्रयास हुआ है जिसका नाम है - आज़ादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन | इस प्रयास का लक्ष्य है कि लोग आज़ादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें |"
- झारखंड के गोमो जंक्शन को, अब आधिकारिक रूप से, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो के नाम से जाना जाता है | जानते है क्यों? दरअसल इसी स्टेशन पर, कालका मेल में सवार होकर नेताजी सुभाष, ब्रिटिश अफसरों को चकमा देने में सफल रहे थे |"
- "आप सभी ने लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन का नाम भी जरुर सुना होगा | इस स्टेशन के साथ राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे जांबांजों का नाम जुड़ा है |" "यहाँ ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटकर वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को अपनी ताक़त का परिचय करा दिया था |"
- "आप जब कभी तमिलनाडु के लोगों से बात करेंगे, तो आपको, थुथुकुडी जिले के वान्ची मणियाच्ची जंक्शन के बारे में जानने को मिलेगा | ये स्टेशन तमिल स्वतंत्रता सेनानी वान्चीनाथन जी के नाम पर है |"