PM मोदी ने उड़ाया डिस्लेक्सिया पीड़ितों का मजाक, लोगों ने कहा- शर्मनाक
punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2019 - 01:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के बच्चों और युवाओं से चर्चाएं करते आए हैं। लेकिन एक कार्यक्रम के दौरान मजाकिया बयान देना उन्हे महंगा पड़ गया और वह आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स ऑफ द डिसएबल्ड (NPRD) ने भी पीएम की इस टिप्पणी को अपमानजनक और असंवेदनशील बताया।
Modi mocks Dyslexia!
— Roshan Rai (@RoshanKrRai) March 3, 2019
( The above quoted video got deleted so reuploading ) pic.twitter.com/f1AxR7Z5BK
दरअसल रविवार को पीएम ने छात्रों के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान एक छात्रा उनके सामने डिस्लेक्सिया से जूझ रहे बच्चों में शुरुआती स्टेज पर इसकी पहचान के लिए अपनी टीम का आइडिया शेयर कर रही थी। छात्रा ने कहा कि हमारा आइडिया डिस्लेक्सिक लोगों पर आधारित है। डिस्लेक्सिक बच्चों की सीखने और लिखने की रफ्तार धीमी होती है, जबकि इंटेलिजेंस और क्रियटिविटी अच्छी होती है, जैसा कि तारे जमीन पर फिल्म का किरदार।
इस बीच पीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘क्या 40-45 साल के बच्चे को भी ये योजना काम आएगी? उनके इस मजाक पर वहां मौजूद छात्र-छात्राएं हंस पड़े। बच्चों ने कहा हां, ये योजना काम आएगी। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि तब तो बच्चे की मां काफी खुश होगी।उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तरफ था।
इस पूरे वाक्य का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिस पर लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी को डिस्लेक्सिया (मंदबुद्धि) के शिकार लोगों के साथ जोड़कर ऐसे लोगों का मजाक बनाया है से ऐसे मजाक की उम्मीद नहीं कर सकते।
वहीं लेफ्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर लिखा कि शर्मनाक और परेशान करने वाला। हम में से कुछ डिस्लेक्सिक या विकलांग रिश्तेदार, दोस्त, बच्चे और माता-पिता हैं। सत्तर साल में पहली बार, ऐसा जुमले वाला व्यक्ति पीएम की कुर्सी पर काबिज है। हद है मि. मोदी, ये हैं आपके संस्कार?