प्लास्टिक की खराब बोतलों से बनाई गई सदरी पहन संसद पहुंचे पीएम मोदी, जानें इसकी खासियत
punjabkesari.in Wednesday, Feb 08, 2023 - 01:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के लिए संसद पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी हल्के नीले रंग की सदरी पहने हुए नजर आए। प्रधानमंत्री ने जो सदरी पहनी है उसे प्लास्टिक की खराब बोतलों को रिसाइकिल करके बनाया गया है। इस सदरी को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बनाया है और बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक के मौके पर पीएम मोदी को भेंट की थी। कंपनी ने पेट्रोल पंप एवं LPG एजेंसी पर तैनात अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी वर्दी बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साढ़े तीन बजे जवाब देने वाले हैं। विपक्ष के साथ-साथ देश को इस भाषण का इंतजार है। इस मौके पर पीएम जब प्लास्टिक की बोतलों से बनी सदरी पहन कर लोकसभा पहुंचे तो सभी सांसदों सहित देश ने इसे देखा और सराहा। पीएम मोदी के पहनने के बाद अब इस सदरी की हर जगह खूब चर्चा होनी शुरू हो गई है।आइए जानते हैं पीएम मोदी की इस स्पेशल जैकेट के बारे में सबकुछ।
10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की योजना
कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बॉटल को रिसाइकिल किया जाता है। इससे कपड़े बनाने में इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है क्योंकि इसमें पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। आईओसी की योजना PET बॉटल्स का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।
कितनी बोतल का हुआ यूज
आईओसी ने पीएम मोदी को जो जैकेट भेंट की, उसके लिए कपड़ा तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने बनाया है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इसमें से पीएम मोदी को चंदन के रंग वाली जैकेट दी गई। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल हुआ।
पीएम मोदी ने की कंपनी की तारीफ
पीएम मोदी ने आईओसी की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि ग्रीन ग्रोथ और एनर्जी ट्रांजिशन की तरफ भारत के प्रयास हमारी वैल्यूज को रिफ्लेक्ट करते हैं। सर्कुलर इकॉनमी एक तरह से हर भारतीय जीवनशैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'Reduce, Reuse और Recycle का मंत्र हमारे संस्कारों में रहा है। आज इसका भी एक उदाहरण हमें यहां अभी देखने को मिला है।
कैसे बनता है कपड़ा?
बॉटल्स से पहले फाइबर बनाया जाता है और फिर इससे यार्न तैयार किया जाता है। यार्न से फिर फैब्रिक बनता है और फिर सबसे अंत में गारमेंट तैयार किया जाता है। रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपए है।