समुद्री लुटेरों की खैर नहीं, अब हाई सी में भी चलेगा भारतीय कानून का डंडा, इंडिया को मिल गया है मैरीटाइम एंटी पायरेसी लॉ
punjabkesari.in Wednesday, Dec 21, 2022 - 09:20 PM (IST)

नई दिल्लीः समुद्र मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022' को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई। लोकसभा ने 19 दिसंबर को इस विधेयक को मंजूरी थी और आज राज्यसभा ने इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया। विधेयक में समुद्री लूट में शामिल देश विदेश के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सख्त धाराएं शामिल की गई हैं।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहले भारत के पास कानून नहीं होने की वजह से कुछ मामलों में अपेक्षित कदम नहीं उठाया जा सका। उन्होंने कहा कि समुद्री विमानों की जरूरत नहीं होने के बारे में कुछ सदस्यों ने चर्चा के दौरान कहा। उन्होंने कहा कि यह भले ही जरूरी नहीं हो लेकिन समय की आवश्यकता को देखते हुए इसका प्रावधान रखा गया है। जयशंकर ने कहा कि दुर्लभतम मामलों में मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है लेकिन इसमें भी लचीलापन अपनाया गया है।
जयशंकर ने कहा कि इसमें प्रत्यर्पण का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिन देशों से प्रत्यर्पण किया जाएगा अगर वहां मृत्युदंड समाप्त किया जा चुका है तो वे देश हमसे इस संबंध में आश्वासन मांग सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण के लिए इस शर्त पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून से संबंधित मामलों के लिए निर्दिष्ट अदालतों की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इस बारे में भारत के प्रधान न्यायाधीश के साथ विचार-विमर्श कर निर्दिष्ट अदालत के बारे में फैसला किया गया।
जयशंकर ने कहा कि स्थाई समिति की सिफारिशों पर विचार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कानून भारतीय जल क्षेत्र में आने वाले सभी जहाजों पर लागू होगा जो पायरेसी के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधान बिल्कुल स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि जहाज में अवैध हथियार, या विस्फोटक सामग्री पाई जाने तथा इस संबंध में समुचित जवाब या स्पष्टीकरण न मिलने की स्थिति में संदेह उत्पन्न होगा और इसका शमन जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि 2008 से 2011 के बीच पायरेसी के 27 मामलों में भारतीय चालक दल के सदस्य तथा 2018 भारतीय नागरिक शामिल थे। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार मछुआरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सजग है और इसके लिए समय समय पर जरूरी कम उठाए गए हैं। मंत्री के जवाब के बाद विधेयक को सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।