India-Pakistan Tension: आधी रात को बजी फोन की घंटी… जयशंकर और शहबाज एक ही लाइन पर! जानें क्या हुई बतचीत

punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 08:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार ने दक्षिण एशिया में शांति की उम्मीदों पर गहरा असर डाला है। 22 अप्रैल को हुए इस भयावह आतंकी हमले में 26 हिंदू टूरिस्टों की निर्मम हत्या के बाद भारत में गुस्से की लहर है, और पाकिस्तान को लेकर रोष चरम पर है। भारत ने इस हमले के दोषियों को हर हाल में समाप्त करने का संकल्प लिया है और सेना को कार्रवाई के लिए पूरी छूट दे दी है। वहीं, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को निर्दोष बताने और भारत पर सैन्य तैयारी का आरोप लगाने में जुटा है।

लेकिन इस भू-राजनीतिक तनाव के बीच अब अमेरिका की एंट्री ने हलचल मचा दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग फोन पर बातचीत की। बातचीत का मकसद था – क्षेत्र में और तनाव न बढ़े और किसी तरह के युद्ध की नौबत न आए।

रुबियो ने भारत से कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ उसके संघर्ष में पूरी तरह साथ है और पहलगाम में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना जताई। वहीं पाकिस्तान को साफ संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि उसे इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करनी चाहिए और जांच में पूरा सहयोग देना चाहिए। अमेरिका ने इस हमले को न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बताया।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बयान में बताया कि अमेरिका भारत के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर लंबे समय से सहयोग करता आया है और भविष्य में भी यह साझेदारी जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि दोनों देश संवाद से रास्ता निकालें और खुले युद्ध जैसे हालात से बचें।

वहीं भारत की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान की ओर से की जा रही अपीलों और बयानबाजी को भारत ने गंभीरता से नहीं लिया है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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