oral cancer: ब्रश कीजिए और कैंसर से बचिए...मुंह की सफाई को लेकर AIIMS का बड़ा दावा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 04:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अब तक आपने कैंसर को केवल खराब खान-पान, तंबाकू, शराब या जेनेटिक कारणों से जुड़ा माना होगा, लेकिन AIIMS (एम्स) की ताज़ा रिसर्च ने कैंसर की रोकथाम से जुड़े एक बेहद अहम पहलू पर रोशनी डाली है — मुंह की सफाई यानी ओरल हाइजीन। रिसर्च के अनुसार, सही तरह से ब्रश न करना और मुंह की देखभाल में लापरवाही भी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासतौर पर मुंह, गला और सिर-गर्दन के कैंसर से।
रिसर्च में क्या सामने आया?
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा की गई इस स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों की ओरल हाइजीन अच्छी होती है, उनमें कैंसर होने की संभावना अपेक्षाकृत कम होती है। खासकर हेड एंड नेक कैंसर के मामलों में यह फर्क और भी स्पष्ट होता है। इतना ही नहीं, कैंसर से जूझ रहे मरीजों की रिकवरी भी ओरल हाइजीन पर निर्भर करती है।
रिसर्च के मुताबिक, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी जैसे इलाज के दौरान मुँह के अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे ओरल प्रॉब्लम्स पैदा हो सकती हैं। इसीलिए, इन मरीजों को खासतौर पर अपने मुँह की सफाई का ख्याल रखने की जरूरत होती है।
ओरल कैंसर के संभावित लक्षण
- अगर समय रहते ओरल हेल्थ का ध्यान नहीं रखा गया, तो ये लक्षण दिख सकते हैं:
- मुंह में बार-बार घाव या छाले होना
- गले में गांठ या सूजन
- चबाने या निगलने में दिक्कत
- आवाज में बदलाव
- दांत ढीले होना
- बिना कारण वजन कम होना
- मुंह के भीतर लाल या सफेद चकत्ते
ओरल हेल्थ को कैसे बेहतर बनाएं?
AIIMS की रिसर्च टीम का सुझाव है कि ओरल हेल्थ को मजबूत करने के लिए बचपन से ब्रशिंग हैबिट सही बनानी होगी। स्कूलों और समुदायों में जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों और बड़ों को ब्रश करने की सही तकनीक सिखाई जानी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे सस्ते और आसान टेस्ट विकसित करे जिससे ओरल हेल्थ का शुरुआती स्तर पर मूल्यांकन किया जा सके। इससे न सिर्फ कैंसर बल्कि हृदय रोग, डायबिटीज और गर्भावस्था संबंधी समस्याओं को भी रोका जा सकता है।
सिर्फ दांत नहीं, ज़िंदगी की बात है
आज भी बहुत से लोग ओरल हाइजीन को लेकर लापरवाह रहते हैं। वे मानते हैं कि दांतों की सफाई केवल कैविटी या सांसों की बदबू से जुड़ी है। लेकिन AIIMS की यह रिसर्च बताती है कि यह मामला सिर्फ दांतों का नहीं, जीवन और मृत्यु के बीच का हो सकता है। ओरल हेल्थ को नजरअंदाज करना केवल एक आदत नहीं, एक सेहत से जुड़ा बड़ा जोखिम है। इसीलिए, अगली बार जब आप ब्रश करना टालें, तो सोचिए — क्या आप अनजाने में खुद को कैंसर के खतरे की ओर तो नहीं धकेल रहे?