ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल को बदनाम करने में जुटा चीन, फ्रांसीसी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 01:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत द्वारा मई में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि चीन ने एक नया मोर्चा खोल दिया। फ्रांस की एक खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने भारत द्वारा इस्तेमाल किए गए राफेल लड़ाकू विमानों की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर करने के लिए सुनियोजित प्रोपेगैंडा अभियान चलाया।

फ्रांस की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस अभियान का मकसद स्पष्ट था- राफेल की वैश्विक बिक्री पर असर डालना और देशों को चीनी विमान खरीदने के लिए राजी करना।

दूतावासों को बनाया गया प्रोपेगैंडा का अड्डा
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने विभिन्न देशों में अपने दूतावासों के माध्यम से राफेल के खिलाफ भ्रम फैलाने का प्रयास किया। चीन के डिफेंस अटाशे उन देशों से संपर्क में आए, जिन्होंने राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस से करार किया था और वहां यह प्रचारित किया गया कि राफेल विमान उतने प्रभावी नहीं हैं जितना दावा किया जाता है।

पाकिस्तान का दावा और सच्चाई
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत पाकिस्तान के उस झूठे दावे से हुई, जिसमें उसने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसने भारत के तीन राफेल विमानों को मार गिराया। हालांकि, इस दावे को भारत और फ्रांस दोनों ने तत्काल खारिज कर दिया।

दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के दावे को "मनगढ़ंत और तकनीकी रूप से असंभव" करार दिया। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी सिंगापुर में आयोजित शांग्री-ला डायलॉग के दौरान इसे पूरी तरह से झूठा और प्रचारात्मक करार दिया।

क्यों चिढ़ा है चीन?
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि भारत द्वारा राफेल का आक्रामक और सफल इस्तेमाल चीन के लिए रणनीतिक चुनौती बन गया है। राफेल की बढ़ती लोकप्रियता और इसकी बिक्री ने न केवल फ्रांस की हथियार इंडस्ट्री को बल दिया है, बल्कि चीन के J-10 और FC-31 जैसे विमानों की बाजार हिस्सेदारी पर भी असर डाला है।


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Content Editor

Harman Kaur

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