Spicejet में एयरहोस्टेस के साथ यात्री ने की बदतमीजी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 09:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः एयरलाइन कंपनी स्पाइस जेट की एक फ्लाइट में एक यात्री द्वारा एयरहोस्टेस के साथ बदतमीजी का मामला सामने आया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 23 जनवरी को स्पाइसजेट का विमान (SG-8133) ने दिल्ली से हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी। बोर्डिंग के दौरान एक यात्री ने एयरहोस्टेस के साथ ऊंची आवाज में बात करते नजर आया। मामला सामने आने के बाद यात्री को उड़ान भरने से पहले ही प्लेन से उतार दिया गया। समाचर एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक यात्री एयरहोस्टेस के साथ बदतमीजी कर रहा है।
#WATCH | "Unruly & inappropriate" behaviour by a passenger on the Delhi-Hyderabad SpiceJet flight at Delhi airport today
— ANI (@ANI) January 23, 2023
The passenger and & a co-passenger were deboarded and handed over to the security team at the airport pic.twitter.com/H090cPKjWV
कंपनी ने एक बयान में बताया कि सोमवार को स्पाइसजेट के एक यात्री को महिला केबिन क्रू सदस्यों में से एक के साथ दुर्व्यवहार के कारण "ऑफलोड" कर दिया गया। दिल्ली में बोर्डिंग के दौरान एक यात्री ने अनियंत्रित और अनुचित तरीके से व्यवहार किया, केबिन क्रू को परेशान और परेशान किया। चालक दल ने पीआईसी और सुरक्षा कर्मचारियों को इसकी सूचना दी।
एयरलाइन ने बताया कि यात्री और उसके साथ यात्रा कर रहे यात्री दोनों को प्लेन से उतार दिया गया और सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया । चालक दल ने आरोप लगाया कि यात्री ने चालक दल के एक सदस्य को अनुचित तरीके से छुआ था। दूसरी ओर, साथी यात्रियों ने दावा किया कि विमान के सीमित क्षेत्र के कारण यह एक दुर्घटना थी। यात्री ने बाद में लिखित माफी मांगी, लेकिन किसी और विवाद से बचने के लिए उसे उतार दिया गया।
इस महीने की शुरुआत में नौ जनवरी को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने छह दिसंबर को पेरिस से नई दिल्ली जाने वाली एयरलाइन की उड़ान एआई-142 में यात्रियों के दुर्व्यवहार की दो घटनाओं के बाद एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पिछले साल नियामक के संज्ञान में आया था। कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि "नियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए"।