पलानीस्वामी को मद्रास हाईकोर्ट से मिली राहत, माना AIADMK का नेता
punjabkesari.in Friday, Sep 02, 2022 - 09:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मद्रास हाईकोर्ट ने अन्नाद्रमुक के नेतृत्व विवाद पर शुक्रवार को पार्टी के नेता ई. के. पलानीस्वामी (ईपीएस) की अपील मंजूर कर ली और ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) के पक्ष में दिया गया फैसला रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति एम दुरईस्वामी तथा न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उसने अन्नाद्रमुक की आम परिषद की 11 जुलाई की बैठक को रद्द कर दिया था। उस बैठक में विपक्ष के नेता ई. के. पलानीस्वामी को पार्टी का अंतरिम महासचिव चुना गया था। बैठक में पनीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
मद्रास हाई कोर्ट के ताजा आदेश के साथ ही पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक के इकलौते, सर्वोच्च नेता बने रहेंगे। खंडपीठ ने न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन के 17 अगस्त के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें 23 जून से पहले की यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया था। उस वक्त पनीरसेल्वम पार्टी के समन्वयक और पलानीस्वामी संयुक्त समन्वयक थे। अपने 127 पन्नों के आदेश में, पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता ईपीएस और प्रतिवादी ओपीएस कभी भी एक साथ काम नहीं कर सकते हैं और पार्टी के मामलों में गतिरोध जारी है।
पीठ ने कहा कि संयुक्त रूप से कार्यकारिणी या आम परिषद की बैठकें आयोजित करने का एकल न्यायाधीश का निर्देश व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि दोनों नेता एक साथ कार्य नहीं कर पा रहे हैं और गतिरोध बना हुआ है। पीठ ने कहा कि एकल पीठ के निर्देश से पार्टी में पहले से मौजूद ‘‘कार्यात्मक गतिरोध'' और आगे बढ़ गया।
पीठ ने कहा कि 11 जुलाई 2022 को आयोजित आम परिषद की बैठक उचित थी। इस बैठक में, पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव के रूप में चुना गया था, जिनके पास पार्टी के संचालन का पूरा अधिकार था। एकल नेतृत्व के मुद्दे को तय करने के लिए आम परिषद की बैठक की मांग परिषद के 2,665 सदस्यों में से 2,190 सदस्यों द्वारा की गई थी। यह सामान्य परिषद के सदस्यों के 80 प्रतिशत से अधिक के बराबर है।